थिमैटिक फंडों के प्रदर्शन और इनवेस्टर्स की उम्मीद के बीच बड़ा फर्क दिख रहा है। कुल 78 थिमैटिक फंडों में से 74 का प्रदर्शन निफ्टी 50 से कमजोर रहा है। ये फंड बीते एक साल के रिटर्न के मामले में बीएसई 200 से भी पिछड़ गए हैं। करीब 47 फीसदी फंड तो अपने बेंचमार्क जितना भी रिटर्न नहीं दे सके हैं। लेकिन, कमजोर प्रदर्शन के बावजूद इन फंडों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।कई फंडों ने डुबोया निवेशकों का पैसा78 थिमैटिक फंडों में से सबसे कमजोर प्रदर्शन Samco Particular Alternatives Fund-Reg(G) का रहा है। इसने Nifty 500 TRI बेंचमार्क के 5 फीसदी रिटर्न के मुकाबले 17 फीसदी निगेटिव रिटर्न दिया है। दूसरे नबंर पर Quant PSU Fund-Common (G) है, जिसने निफ्टी पीएसई-टीआरआई इंडेक्स के -4.68 फीसदी रिटर्न के मुकाबले करीब -10.02 फीसदी रिटर्न दिया है। ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं। कई थिमैटिक फंडों का प्रदर्शन काफी खराब रहा है।संबंधित खबरेंरेगुलेटर भी खराब प्रदर्शन से चिंतितसेबी ने भी थिमैटिक फंडों के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताई है। सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने फरवरी 2025 में कहा था कि रेगुलेटर इस मामले को देख रहा है। माना जा रहा है कि थिमैटिक फंडों की कमियां दूर करने के लिए जल्द एक ड्राफ्ट सर्कुलर आ सकता है। हालांकि, इस बारे में सेबी ने मनीकंट्रोल के सवालों के जवाब नहीं दिए। हाल में सेबी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर मनेज कुमार ने भी कहा था कि रेगुलेटर थिमैटिक फंडों की कैटेगरी पर विचार कर रहा है।इंडस्ट्री को जिम्मेदार रवैया अपनाना होगा22 जून को मनीकंट्रोल म्यूचुअल फंड समिट ने एचडीएफसी एएमसी के एमडी और सीईओ नवनीत मुनोट ने थिमैटिक फंडों के लिए सख्त नियम बनाने का श्रेय सेबी को दिया। उदाहरण के लिए थिमैटिक फंड के लिए 80 फीसदी निवेश थीम से जुड़े शेयरों में करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इनोवेशन का अपना महत्व है, लेकिन यह निवेशकों के हित की कीमत पर नहीं होना चाहिए। दूसरी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के प्रमुखों ने भी इस बारे में अपनी राय बतायी थी।यह भी पढ़ें: NPS और EPF में से कौन बेहतर, क्या दोनों में एक साथ इनवेस्ट किया जा सकता है? थिमैटिक फंडों में बनी हुई है निवेशकों की दिलचस्पीएएमसी के प्रमुखों का मानना था कि नए थिमैटिक फंड लॉन्च करने में ज्यादा जिम्मेदार रवैया अपनाना होगा। थिमैटिक फंडों में एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मई में 19 नए फंड लॉन्च किए गए। इनके जरिए एएमसी ने करीब 4,170 करोड़ रुपये जुटाए। इनमें से 43 फीसदी फंड थिमैटिक या सेक्टोरल फंड थे। मई में थिमैटिक फंडों ने 2,052 करोड़ रुपये जुटाए। इससे संकेत मिलता है कि कमजोर प्रदर्शन के बावजूद इन फंडों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।
