सुब्रमण्यम ब्रह्मजोसुलाआज के दौर में इलाज का खर्च तेजी से बढ़ रहा है। हॉस्पिटल में एडमिट होने की नौबत, आपकी बचत पर किसी डाके से कम नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा यानि हेल्थ इंश्योरेंस लेना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो चला है। अब यह केवल परेशानी के दौर में काम आने वाला बैकअप प्लान नहीं रह गया है, बल्कि यह सोच-समझ कर किया गया निवेश है। इस पर भी सही हेल्थ प्लान को चुनना और ज्यादा जरूरी हो गया है।एक सामान्य हेल्थ पॉलिसी जरूरी खर्चों को कवर करती है। लेकिन जब इलाज बहुत महंगा हो जाए, तो यह पॉलिसी पूरी मदद नहीं कर पाती। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में भी सही प्लानिंग जरूरी है। यह एक सुरक्षा उपाय की तरह काम करता है। अगर आप अपनी बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कुछ एक्स्ट्रा जोड़ लें, जैसे कि सुपर टॉप-अप प्लान, तो कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज पाया जा सकता है। यह आपके और आपके परिवार की सेहत के साथ-साथ आपकी जेब को भी सुरक्षित रखने का समझदारी भरा तरीका है।संबंधित खबरेंसही प्लानिंग मतलब एक उम्दा सुरक्षा कवचहेल्थ इंश्योरेंस के मामले में अब ऐसा नहीं है कि एक बार प्लान ले लिया और बस हो गया। जैसे-जैसे वक्त बीतता है, जरूरतें बदलती हैं और प्लान जटिल हो जाता है। ऐसे में प्लान लेते वक्त प्रीमियम की रकम, परिवार की जरूरतों और पॉलिसी के फीचर्स को ध्यान से समझना जरूरी है। पॉलिसी की शर्तों जैसे डिडक्टिबल, को-पे और कवरेज लिमिट को समझना आसान नहीं होता। इसकी वजह से लोग गलत फैसले कर बैठते हैं। बहुत कम लोग ही ऐसे हैं, जो इन चीजों को अच्छे से समझ पाते हैं।यह कहना गलत नहीं होगा कि हेल्थ इंश्योरेंस की जानकारी आम लोगों में कम है। लेकिन अगर सही प्लानिंग की जाए तो यह एक बहुत बढ़िया सुरक्षा कवच साबित हो सकता है और मुश्किल वक्त में आपकी जेब पर अचानक पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम कर सकता है।1 जुलाई 2025 से सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% से कम होगा इंटरेस्ट? जानिये कारणबेस+सुपर टॉप-अप का फायदेमंद कॉम्बिनेशनआज के वक्त में सिर्फ एक सामान्य हेल्थ पॉलिसी काफी नहीं है। इसके साथ सुपर टॉप-अप प्लान को एड करना एक स्मार्ट तरीका है। इससे आप इलाज के भारी खर्च से बचे रह सकते हैं। मान लीजिए कि आपके पास 3 लाख रुपये की डिडक्टिबल लिमिट है और एक साल में आपको दो बार अस्पताल जाना पड़ता है। एक बार का खर्च 2 लाख रुपये और दूसरी बार का 3 लाख रुपये। ऐसी स्थिति में सामान्य टॉप-अप पॉलिसी काम नहीं आएगी क्योंकि दोनों बिल अलग-अलग हैं। लेकिन सुपर टॉप-अप प्लान साल भर का कुल खर्च देखता है तो इस 5 लाख रुपये में से डिडक्टिबल काटकर बाकी 2 लाख रुपये का खर्च यह प्लान कवर कर लेता है।यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जिनको बार-बार इलाज कराना पड़ता है या जिनके घर में बुजुर्ग हैं जिन्हें अक्सर मेडिकल मदद चाहिए होती है। इसके अलावा, यह प्लान सस्ता होता है। आप अपने बजट के हिसाब से इसकी डिडक्टिबल लिमिट तय कर सकते हैं। इस पर आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है।कैसे चुनें सही सही सुपर टॉप-अप प्लानसबसे पहली और अहम सलाह यह है कि सिर्फ सस्ते प्रीमियम को देखकर प्लान न चुनें। यह देखना चाहिए कि प्लान आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को किस तरह सपोर्ट करता है। सुपर टॉप-अप प्लान 5 लाख रुपये से लेकर 4 करोड़ रुपये तक की बीमा राशि में उपलब्ध है और 2 लाख रुपये से लेकर 2 करोड़ रुपये तक की डिडक्टिबल लिमिट में आता है। यह प्लान 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के किसी भी व्यक्ति के लिए लिया जा सकता है और इसमें कोई मैक्सिमम एज लिमिट नहीं होती।PPF Curiosity Fee: पीपीएफ पर मिलेगा 6.50% इंटरेस्ट? क्या सरकार 30 जून को घटाएगी ब्याजक्या-क्या होता है कवरइसमें इनपेशेंट ट्रीटमेंट, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च, डे केयर सर्जरी, अंग दान का खर्च, रोबोटिक सर्जरी, आयुष चिकित्सा, घर पर इलाज, एंबुलेंस और होम हेल्थ सर्विस जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं। सुपर टॉप-अप एक साल के टोटल बिल को कैलकुलेट करता है। वहीं सामान्य टॉप-अप हर एक बिल पर डिडक्टिबल लागू करता है।सुपर टॉप-अप प्लान एक किफायती और समझदारी भरा तरीका है, जिससे आप बड़ी मेडिकल जरूरतों के लिए खुद को तैयार रख सकते हैं। यह न सिर्फ खर्च कम करता है बल्कि आपको और आपके परिवार को बेहतर इलाज और मानसिक शांति भी देता है। अगर सही तरीके से प्लान किया जाए, तो हेल्थ इंश्योरेंस केवल एक कागजी काम नहीं बल्कि एक सशक्त आर्थिक सुरक्षा बन जाता है।(इस आर्टिकल के ऑथर सुब्रमण्यम ब्रह्मजोसुला SBI Normal Insurance coverage में चीफ प्रोडक्ट और मार्केटिंग ऑफिसर हैं।)
