China-US Commerce Battle: अमेरिकी और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर के बीच भारत में अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए चीनी कंपनियां भारतीय खरीदारों को 5% तक की डिस्काउंट दे रही हैं। इस कदम से उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों में कमी आ सकती है। चीनी कंपनियों की ओर से इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम पर छूट की यह पेशकश अमेरिका-चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर के बीच की जा रही है। चीन पर पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ से वैश्विक व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। टैरिफ ने चीनी कंपनियों के लिए अमेरिका में उत्पाद बेचना अधिक महंगा बना दिया है।अमेरिकी कार्रवाई के बाद चीनी कंपनियां वैकल्पिक बाजारों की तलाश कर रही हैं। भारत उनके सामानों के लिए एक प्रमुख मार्केट के रूप में उभरा है। चीनी कंपनियां अब अमेरिका और अन्य पश्चिमी बाजारों में खोई हुई बिक्री की भरपाई करने के प्रयास में भारतीय खरीदारों को छूट देकर भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना चाहती हैं। इन छूटों के पीछे का प्लान भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ाना है।इलेक्ट्रॉनिक सामानों की कीमतों पर कितना होगा प्रभाव?संबंधित खबरेंइन छूट का सबसे तात्कालिक प्रभाव भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की कीमतों पर पड़ने की संभावना है। जानकारों की मानें तो स्मार्टफोन, टीवी और अन्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स सामान सहित कई उत्पादों की लागत कम हो सकती है। इससे भारतीय उपभोक्ताओं को इन उत्पादों को अधिक किफायती और सुलभ बनाकर लाभ मिल सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन डिस्काउंट्स से कीमतों में निरंतर कमी आने की गारंटी नहीं है। करेंसी में उतार-चढ़ाव, आयात शुल्क और घरेलू बाजार की स्थितियों से इन पर असर पड़ेगा।डिस्काउंट के साथ क्वालिटी पर दें ध्यानचीनी कंपनियों के छूट वाले सामानों के साथ सबसे बड़ी चिंता का विषय है इन उत्पादों की क्वालिटी। कम कीमतें ग्राहकों को आकर्षिक करती हैं। लेकिन ऐसी आशंका है कि उपभोक्ताओं को घटिया सामान मिल सकते हैं। छूट वाली कीमतों पर बेचने की होड़ संभावित रूप से गुणवत्ता में कमी ला सकती है।चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉकराष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने के बाद अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हुआ। ट्रंप के जवाब में चीन ने अमेरिकी आयातित सामानों पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया। इसेक बाद अमेरिका ने जल्द ही जवाबी कार्रवाई करते हुए चीनी आयात पर शुल्क बढ़ाकर 104 प्रतिशत कर दिया। फिर चीन ने अमेरिकी सामानों पर अपने टैरिफ को और बढ़ाकर 84% कर दिया। 9 अप्रैल को ट्रंप ने चीनी आयातित सामानों पर टैरिफ को और बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया। अभी भी भी वॉर-पलटवार थमने का नाम नहीं ले रहा है।ये भी पढ़ें- Kia मोटर्स के प्लांट से ही चोरी हो गए 900 कार के इंजन, आंध्र प्रदेश पुलिस के उड़े होश, जांच शुरू
