Put up Workplace Scheme: अगर आप हाल ही में शादी के बंधन में बंधे हैं और भविष्य के लिए एक सुरक्षित और स्थिर आमदनी का जरिया चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह सरकार समर्थित योजना है, जिसमें निवेश पर हर महीने निश्चित ब्याज मिलता है और जोखिम बेहद कम है।जॉइंट अकाउंट से बढ़ जाती है निवेश सीमापोस्ट ऑफिस की इस स्कीम की एक खासियत यह है कि इसमें संयुक्त खाता (Joint Account) खोला जा सकता है, जिसमें पति-पत्नी दोनों बराबर की हिस्सेदारी रखते हैं।संबंधित खबरेंसिंगल अकाउंट में निवेश की सीमा ₹9 लाख है, जबकि जॉइंट अकाउंट में यह सीमा बढ़कर ₹15 लाख तक हो जाती है। अगर आप ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं, तो जॉइंट अकाउंट खोलना ज्यादा बेहतर रहेगा।हर महीने तय इनकम: कितना मिलेगा ब्याज?1 जनवरी 2025 से POMIS में 7.4% सालाना ब्याज मिल रहा है, जो हर महीने खाते में जमा होता है। मिसाल के लिए, अगर नवविवाहित जोड़ा संयुक्त खाता खोलकर ₹12 लाख निवेश करता है, तो उन्हें सालाना ₹88,800 ब्याज मिलेगा। इसका मतलब है कि हर महीने लगभग ₹7,400 की गारंटीड इनकम होगी।इस योजना में दो या तीन लोग मिलकर जॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं और सभी खाताधारकों को ब्याज बराबर बांटा जाता है। साथ ही, जरूरत पड़ने पर संयुक्त खाता सिंगल में और सिंगल अकाउंट जॉइंट में बदला जा सकता है। लेकिन, इसके लिए सभी खाताधारकों की संयुक्त सहमति जरूरी होती है।मैच्योरिटी और प्री-मैच्योर क्लोजर की सुविधाPOMIS की मैच्योरिटी अवधि 5 साल की होती है। इस अवधि के बाद खाता बंद किया जा सकता है और पूरा मूलधन वापस मिल जाता है। अगर इससे पहले खाता बंद करते हैं, तो पेनल्टी देनी पड़ सकती है। 1 से 3 साल के बीच बंद करने पर 2% पेनल्टी और 3 से 5 साल के बीच बंद करने पर 1% पेनल्टी मूलधन से काटी जाती है।अगर किसी निवेशक ने POMIS में ₹12 लाख का निवेश किया है और 1 साल बाद खाता बंद करता है, तो 1 से 3 साल के बीच बंद करने पर 2% पेनल्टी देनी होगी। यानी ₹24,000 की कटौती होगी और कुल ₹11,76,000 वापस मिलेंगे। वहीं, अगर खाता 3 से 5 साल के बीच बंद किया जाए, तो पेनल्टी 1% यानी ₹12,000 होगी और निवेशक को ₹11,88,000 मिलेंगे। 1 साल से पहले इस खाते को बंद नहीं किया जा सकता।नाबालिग और वरिष्ठ नागरिक भी उठा सकते हैं लाभइस स्कीम के तहत नाबालिगों के नाम पर भी खाता खोला जा सकता है, जिसकी निवेश सीमा उनके अभिभावकों की सीमा से अलग मानी जाती है। इससे बच्चों के लिए भी एक सुरक्षित भविष्य की योजना बनाई जा सकती है।चूंकि यह स्कीम सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें जोखिम न के बराबर है। इसका मतलब है कि आपका मूलधन तो सुरक्षित रहेगा ही, आपको निश्चित ब्याज से नियमित कमाई भी मिलती रहेगी। हर महीने मिलने वाला ब्याज ECS के ज़रिए या पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में ऑटो-क्रेडिट किया जा सकता है।यह भी पढ़ें : SIP Revenue Reserving: म्यूचुअल फंड में कब और कैसे बुक करें मुनाफा, किन बातों का रखें ध्यान?
