Mango Costs Fall: आलू-प्याज के दाम में मिल रहा ‘फलों का राजा’ आम! कीमतों में आई भारी गिरावट


Mango Costs Fall: आलू-प्याज के दाम में मिल रहा ‘फलों का राजा’ आम! कीमतों में आई भारी गिरावट
Mango Costs Fall: गर्मियों में खाने के साथ आम मिल जाए तो फिर मौज हो जाती है। हालांकि आम का दाम अगर महंगा हो तो जेब के आगे स्वाद थोड़ा फीका पड़ जाता है। हालांकि इस सीजन आम के दाम काफी गिर गए हैं। देश के सबसे बड़े आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में आम की कीमतें पिछले साल के मुकाबले एक तिहाई तक कम हो गई हैं। व्यापारियों और किसानों का कहना है कि बंपर पैदावार और मानसून की जल्द आशंका की वजह से किसानों के समय से पहले ही आम तोड़ने से ऐसा हुआ है।क्यों गिरे आम के दाम?आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष एस इनसराम अली ने बताया कि इस साल उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन लगभग 35 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 25 लाख मीट्रिक टन था। अली ने बताया कि केवल ज्यादा उत्पादन ही नहीं, बल्कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा मानसून के सामान्य से अधिक और जल्दी आने की भविष्यवाणी के कारण किसानों ने आम को जल्द ही तोड़ लिया। इससे आम बाजार में एक साथ बड़ी मात्रा में आ गया, जिससे कीमतें गिर गईं।इनसराम अली ने बताया कि ‘आने वाले हफ्तों में आम की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।’ इसका मतलब है कि उपभोक्ता इस साल सस्ते आमों का लुत्फ उठा सकेंगे।देशभर में क्या है स्थिति?उत्तर प्रदेश: दशहरी आम की कीमतें पिछले साल के ₹60 प्रति किलो के मुकाबले फिलहाल गिरकर अब ₹40-45 प्रति किलो हो गई हैं।संबंधित खबरेंआंध्र प्रदेश: तिरुपति और चित्तूर जिलों में पैदा होने वाले तोतापुरी आम की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण यह है कि आम का गूदा (पल्प) बनाने वाली फैक्ट्रियों ने अभी तक किसानों से आम खरीदना शुरू नहीं किया है, क्योंकि उनके पास पिछले साल का स्टॉक बचा हुआ है। यहां भी किसानों ने मानसून की आशंका में आम जल्दी तोड़ लिए थे।पश्चिम बंगाल: आम के प्रमुख उत्पादक इस राज्य में भी अच्छी गुणवत्ता वाले आमों की कीमतें ₹80 प्रति किलो से घटकर ₹45-50 प्रति किलो हो गई हैं। कोलकाता के एक आम व्यापारी प्रशांत पाल ने भी बताया कि उत्पादन अच्छा है और किसानों द्वारा जल्दी तोड़ने से दाम गिरे हैं।आम के वैश्विक उत्पादन में भारत का है दबदबासाल 2024 में वैश्विक आम उत्पादन 25 मिलियन मीट्रिक टन (MT) तक पहुंच गया, जिसमें अकेले भारत का हिस्सा लगभग आधा रहा। चीन (3.8 मिलियन MT) और इंडोनेशिया (3.6 मिलियन MT) क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे बड़े उत्पादक रहे। भारत के कुल आम उत्पादन में उत्तर प्रदेश का लगभग 20% योगदान है। इस साल में आम का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है।कुल मिलाकर इस साल आम के शौकीनों के लिए यह एक अच्छी खबर है, क्योंकि उन्हें ‘फलों का राजा’ कम दाम में मिलेगा। हालांकि, किसानों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि जल्दबाजी के चक्कर में उन्हें अपनी मेहनत का पूरा दाम नहीं मिल पा रहा है।

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