ITR Submitting 2025: सैलरीड टैक्सपेयर्स नए-पुराने टैक्स रीजीम में कैसे करें स्विच? बिजनेस करने वालों के लिए क्या है नियम


ITR Submitting 2025: सैलरीड टैक्सपेयर्स नए-पुराने टैक्स रीजीम में कैसे करें स्विच? बिजनेस करने वालों के लिए क्या है नियम
ITR Submitting 2025: फाइनेंशियल ईयर 2024–25 (असेसमेंट ईयर 2025–26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में टैक्सपेयर्स के सामने एक उलझन यह होती है कि वे पुराने टैक्स सिस्टम को चुनें या डिफॉल्ट बने नए टैक्स सिस्टम में ही रिटर्न फाइल करें।नया टैक्स सिस्टम सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था। इसमें टैक्स स्लैब कम हैं, लेकिन ज्यादातर छूट और कटौतियां नहीं मिलतीं। वहीं, पुराना सिस्टम अभी भी उन टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर साबित हो सकता है जो 80C, HRA या 80D जैसी कटौतियों का लाभ लेना चाहते हैं।हर साल बदल सकते हैं सैलरीड टैक्सपेयर्ससंबंधित खबरेंजो व्यक्ति ITR-1 या ITR-2 के तहत फाइल करते हैं, वे हर साल टैक्स सिस्टम बदल सकते हैं। ITR फॉर्म में उन्हें पूछा जाएगा, ‘क्या आप सेक्शन 115BAC(6) के तहत नए टैक्स सिस्टम से बाहर आना चाहते हैं?’ इसका जवाब ‘Sure’ देने पर वे पुराने सिस्टम में आ जाएंगे, जबकि ‘No’ चुनने पर नए डिफॉल्ट सिस्टम में ही रहेंगे।बिजनेस टैक्सपेयर्स के लिए सीमित विकल्पअगर टैक्सपेयर ITR-3 या ITR-4 के तहत बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम दिखा रहा है, तो वह पुराने सिस्टम में केवल एक बार ही वापस जा सकता है। एक बार नए सिस्टम में लौटने के बाद दोबारा पुराने सिस्टम में जाना मुमकिन नहीं होगा।इसके लिए उसे Type 10-IEA फाइल करना होगा, जो कि ITR से पहले और 15 सितंबर 2025 तक फाइल किया जाना जरूरी है। यह फॉर्म incometax.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन भरा जा सकता है।फॉर्म 10-IEA भरने का प्रोसेस incometax.gov.in पर लॉग इन करें (PAN के जरिए) e-File > Revenue Tax Kinds > File Revenue Tax Kinds पर जाएं। Type 10-IEA सर्च करें और ‘File Now’ पर क्लिक करेंष Evaluation 12 months 2025–26 चुनें। अपनी इनकम टाइप (बिजनेस/प्रोफेशन) और बदलाव की पुष्टि करें। डिटेल चेक करें और Aadhaar OTP, EVC या DSC से सबमिट करें। सबमिट करने के बाद आपको एक acknowledgement quantity और transaction ID मिलेगी।विकल्प न चुनने पर नया सिस्टम लागू होगाअगर कोई टैक्सपेयर फॉर्म में टैक्स सिस्टम का चयन नहीं करता है, तो उसकी टैक्स लायबिलिटी नए डिफॉल्ट सिस्टम के हिसाब से ही कैलकुलेट की जाएगी। ऐसे में जिन लोगों ने सालभर निवेश व कटौती की प्लानिंग पुराने सिस्टम के हिसाब से की है, उनके लिए यह नुकसानदेह साबित हो सकता है।टैक्स एक्सपर्ट की क्या सलाह है?टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटर्न भरने से पहले दोनों टैक्स सिस्टम में अपनी टैक्स देनदारी की तुलना जरूर करें। इसके लिए ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर या किसी विशेषज्ञ की मदद ली जा सकती है, ताकि गलत विकल्प के चलते ज्यादा टैक्स न भरना पड़े। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स कैलकुलेटर पेश किया है, जिससे आप समझ सकते हैं कि आपके लिए कौन-सा टैक्स रीजीम बेहतर रहेगा।यह भी पढ़ें : ITR Submitting 2025: इनकम टैक्स रिटर्न में ये गलतियां पड़ेंगी भारी, देना पड़ सकता है 200% तक जुर्माना; जानें बचने का तरीका

Supply hyperlink

Leave a Comment