ITR Submitting 2025: असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग शुरू हो चुकी है। अगर आप खुद से ITR फाइल कर रहे या किसी से करा रहे तो सभी जानकारी सही से भरनी जरूरी है। खासकर, अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं और आपको डिविडेंड से कमाई होती है, तो उसकी ITR में दिखाना चाहिए। ऐसा न करने की सूरत में इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है।आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ITR में डिविडेंड इनकम को सही तरीके से कैसे रिपोर्ट करें। साथ ही, इस पर टैक्स कैसे लगता है।ITR-1 और ITR-4 से नहीं चलेगा कामसंबंधित खबरेंडेलॉइट इंडिया के डायरेक्टर तरुण गर्ग बताते हैं, ‘डिविडेंड इनकम को TDS काटने से पहले के सकल मूल्य (Gross Worth) पर ITR फॉर्म के शेड्यूल OS में दिखाना चाहिए।’उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन टैक्सपेयर्स को REITs, InvITs, विदेशी कंपनियों या वैकल्पिक निवेश फंड (AIFs) से डिविडेंड मिलता है, वे ITR-1 या ITR-4 का उपयोग नहीं कर सकते। ऐसे मामलों में ITR-2 या ITR-3 ही मान्य होगा।ITR-2 उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कोई बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम नहीं है, लेकिन वे विदेशी स्रोतों या AIFs से डिविडेंड प्राप्त करते हैं। ITR-3 का इस्तेमाल उन लोगों को करना चाहिए जिनकी कमाई व्यापार या प्रोफेशन से होती है।तिमाही ब्रेकअप और TDS का मिलान जरूरीरिटर्न में डिविडेंड इनकम को तिमाही आधार पर ब्रेकअप के साथ दिखाना अनिवार्य है। इसका मकसद आय के अनियमित प्रवाह के आधार पर धारा 234C के तहत एडवांस टैक्स पर लगने वाले ब्याज की सही गणना करना है।अगर डिविडेंड पर TDS काटा गया है, तो उसकी जानकारी ITR के TDS शेड्यूल में Type 26AS के अनुसार भरनी होगी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।विदेशी डिविडेंड इनकम पर अतिरिक्त खुलासेविदेशी कंपनियों से डिविडेंड प्राप्त करने वालों को कुछ अतिरिक्त डिस्क्लोजर करने होंगे। Prosperr.io के टैक्स एक्सपर्ट और पूर्व प्रिंसिपल इनकम टैक्स कमिश्नर ओपी यादव के अनुसार, ‘विदेशी डिविडेंड इनकम को ITR के Schedule FSI (International Supply Earnings) में रिपोर्ट करना होता है। अगर विदेशी टैक्स क्रेडिट क्लेम किया जा रहा है, तो Schedule TR भी भरना जरूरी है।’इसके साथ ही, ऐसे टैक्सपेयर्स को Schedule FA (International Property) में अपनी विदेशी होल्डिंग्स की जानकारी देना अनिवार्य है।AIF और डिम्ड डिविडेंड की रिपोर्टिंगअगर डिविडेंड इनकम पास-थ्रू एंटिटीज जैसे AIFs के जरिए मिल रही है, तो उसे Schedule PTI में दिखाया जाना चाहिए। यह शेड्यूल केवल ITR-2 और ITR-3 में उपलब्ध है।यादव यह भी बताते हैं कि आयकर अधिनियम की धारा 2(22) के तहत आने वाले डीम्ड डिविडेंड (Deemed Dividend) को उसी वर्ष टैक्सेबल माना जाता है जब वह घोषित या वितरित किया गया हो। इसे भी ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तहत दिखाना जरूरी है।गलत रिपोर्टिंग पर मिल सकती है नोटिसएक्सपर्ट ने जोर दिया कि रिटर्न में दी गई डिविडेंड इनकम की जानकारी Type 26AS और Annual Data Assertion (AIS) से मेल खानी चाहिए। गलत या अधूरी रिपोर्टिंग के मामले में टैक्स विभाग द्वारा नोटिस या विस्तृत जांच का सामना करना पड़ सकता है।ऐसे में अगर आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस से बचना चाहते हैं, तो डिविडेंड इनकम को सही से दिखाएं। अगर जरूरी हो, तो किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट की भी सलाह ले सकते हैं।यह भी पढ़ें : Crypto Tax Discover: क्रिप्टो इनकम पर हजारों ट्रेडर्स को टैक्स नोटिस; ITR में ऐसे करें रिपोर्ट, नहीं तो रहेगा फंसने का खतरा
