ITR Submitting 2025: वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत के साथ ही टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तैयारी भी जोरशोर से शुरू कर दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने बुधवार (30 अप्रैल) को ITR फॉर्म 1 और फॉर्म 4 भी जारी कर दिया है। अब उम्मीद की जा रही है कि बाकी फॉर्म भी जल्द ही नोटिफाई हो जाएंगे। नए आईटीआर फॉर्म में बड़े बदलाव हुए हैं। सैलरीड कर्मचारियों को फॉर्म 16 का भी इंतजार है, जिसमें अहम बदलाव हुए है।क्या है फॉर्म 16?यह सैलरी पाने वालों के लिए Type 16 सबसे अहम डॉक्यूमेंट है। इसे एम्प्लॉयर अपने कर्मचारियों को जारी करता है, जिसमें उनकी सालाना इनकम और उस पर काटे गए TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) की जानकारी होती है। यह इस बात का सबूत होता है कि आपकी सैलरी से टैक्स काटा गया और उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जमा किया गया।संबंधित खबरेंकिनके लिए जरूरी?अगर आपने साल के दौरान नौकरी बदली है, तो हर एम्प्लॉयर से अलग-अलग Type 16 लेना जरूरी है। यह फॉर्म दो हिस्सों में बंटा होता है- Half A और Half B।इसमें कर्मचारी, नियोक्ता और काटे गए टैक्स की जानकारियां होती हैं: कर्मचारी और नियोक्ता का नाम, पता, PAN और TAN। हर तिमाही में कितना टैक्स काटा और जमा किया गया। यह हिस्सा TDS की जानकारी की पुष्टि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक तरह का Annexure है जो सैलरी ब्रेकअप और कटौतियों की डिटेल देता है: सेक्शन 10 के तहत टैक्स-फ्री अलाउंस (जैसे HRA) सेक्शन 80C, 80D आदि के तहत डिडक्शन्स (LIC, PPF, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम) क्यों जरूरी है Type 16? ITR फाइलिंग के समय यह आपकी इनकम और टैक्स की पुष्टि करता है। लोन अप्लाई करते वक्त यह आपकी इनकम प्रूफ के रूप में काम आता है। अगर आपने ज्यादा TDS दिया है, तो रिफंड क्लेम करने में मदद करता है। यह टैक्स भुगतान और छूट की पारदर्शिता को बढ़ाता है। क्या बदला है नए Type 16 में?इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फॉर्म 16 के फॉर्मेट में कुछ अहम बदलाव किए हैं ताकि टैक्स डिडक्शन, सैलरी के अलावा दिए जाने वाले लाभ (Perquisites) और अलाउंस की जानकारी ज्यादा क्लियर और ट्रांसपेरेंट हो। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, Type 16 में कुछ अहम बदलाव हुए हैं: अब Type 16 में टैक्स-फ्री अलाउंस की स्पष्ट पहचान की जा सकेगी। कौन-सी सैलरी पर टैक्स लगा और कितना डिडक्शन मिला, यह साफ दिखेगा। इससे ITR फाइलिंग में कन्फ्यूजन कम होगा और प्रक्रिया आसान बनेगी। यह भी पढ़ें : ITR Submitting 2025: कब मिलेगा Type 16, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग कब होगी शुरू?
