ITR Submitting 2025: नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पैन और बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए एक नई सुविधा शुरू की है। इसका मकसद टैक्सपेयर्स और सरकारी विभागों के लिए यह प्रक्रिया अधिक सहज और रियल टाइम में उपलब्ध कराना है।NPCI ने एक सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि उसने एक नया एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) लॉन्च किया है। यह पैन डिटेल्स, बैंक अकाउंट स्टेटस और अकाउंट होल्डर की पहचान की रियल टाइम में वेरिफिकेशन की सुविधा देगा। इस डेटा को सीधे बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) से वेरिफाई किया जाएगा।सर्कुलर में कहा गया, “यह API सरकारी विभागों को ग्राहकों की अकाउंट डिटेल्स जैसे पैन वैलिडेशन, अकाउंट स्टेटस और अकाउंट होल्डर के नाम की पुष्टि उनके बैंक के CBS से करने में मदद करेगा।”संबंधित खबरेंAPI एक ऐसा सॉफ्टवेयर ब्रिज होता है, जो दो अलग-अलग सिस्टम को आपस में सुरक्षित रूप से डेटा शेयर करने की सुविधा देता है। इस मामले में, यह API इनकम टैक्स पोर्टल जैसे सरकारी प्लेटफॉर्म को बैंकों के इंटरनल सिस्टम से सीधे और सुरक्षित तरीके से वेरिफिकेशन डेटा हासिल करने की अनुमति देगा।NPCI ने सभी मेंबर बैंकों से आग्रह किया है कि वे इस सुविधा को प्राथमिकता के आधार पर लागू करें, क्योंकि यह सेवा भारत सरकार को उपलब्ध कराई जा रही है।टैक्सपेयर्स के लिए इसका मतलब क्या है?इस नई वेरिफिकेशन सुविधा से टैक्सपेयर्स को कई फायदे हो सकते हैं: पैन और बैंक अकाउंट को लिंक करने की प्रक्रिया तेज होगी। वेरिफिकेशन में मैन्युअल एरर की आशंका घटेगी। रिफंड और अन्य टैक्स पेमेंट्स जल्दी और सुरक्षित तरीके से मिल सकेंगे। डेटा वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अधिक भरोसेमंद और सिक्योर होगी। यह भी पढ़ें : ITR Submitting 2025: F&O ट्रेडिंग पर कैसे लगता है टैक्स? ITR फॉर्म से लेकर ऑडिट तक, जानें हर सवाल का जवाब
