जीएसटी के सबसे ज्यादा रेट को बढ़ाकर 60 फीसदी किया जा सकता है। यह अभी 40 फीसदी है। इसकी बड़ी वजह कंपनसेशन सेस की एक्सपायरी है। यह 1 अप्रैल, 2026 को एक्सपायर कर जाएगा। कई सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। जीएसटी की व्यवस्था 1 जुलाई, 2017 को लागू हुई थी। तब जीएसटी की व्यवस्था से रेवेन्यू में राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कंपनसेशन सेस शुरू किया गया था।GoM में बन चुकी है सहमतिकंपनसेशन सेस (Compensation Cess) पर बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) में कंपनसेशन सेस का विलय जीएसटी रेट्स में करने के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। इससे सेस हटने के बाद भी ऑटोमोबाइल्स, टुबैको और एयरेटेड ड्रिंक्स जैसे ज्यादा रेवेन्यू वाले आइटम्स पर टैक्स में बदलाव नहीं होगा। सरकार के एक सूत्र ने बताया, “मार्च 2026 के बाद सेस जारी नहीं रह सकता। इसलिए रेवेन्यू में कमी को रोकने के लिए रेट्स बढ़ाने होंगे। इसके लिए संशोधन की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि अभी 40 फीसदी से ज्यादा GST नहीं लगाया जा सकता। इसे बढ़ाकर 60 फीसदी किया जा सकता है।”संबंधित खबरेंजीएसटी रेट के अलावा लगता है कंपनसेशन सेसजीएसटी कंपनसेशन सेस 28 फीसदी के मैक्सिमम स्टैंडर्ड रेट के अलावा लगता है। Sin Merchandise और लग्जरी गुड्स पर यह सेस लगता है। सरकार ने राज्यों को जीएसटी की व्यवस्था से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कर्ज लिया था। इस कर्ज को चुकाने के लिए कंपनसेशन सेस शुरू किया गया। अभी जीएसटी का सबसे ज्यादा रेट 40 फीसदी हो सकता है। हालांकि, अभी इस रेट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। कंपनसेशन सेस की वजह से पहले से ही कई आइटम्स पर टैक्स काफी ज्यादा है।इन आइटम्स पर लगता है कंपनसेशन सेसएसयूवी और एयरेटेड ड्रिंक्स सहित कई आइटम्स पर कंपसेशन सेस लगता है। एसयूवी पर इसका रेट 22 फीसदी है, जबकि एयरेटेड ड्रिंक्स पर 12 फीसदी लगता है। टुबैको और इस तरह के दूसरे प्रोडक्ट्स पर कंपनसेशन सेस के रेट्स अलग-अलग हैं। सिगरेट पर कंपनसेशन सेस लगाने से कुल टैक्स बढ़कर 55-60 फीसदी हो जाता है। सेस का कैलकुलेशन गुड्स की टैक्सेबल वैल्यू और कुछ मामलों में क्वाटिटी के आधार पर होता है।यह भी पढ़ें: Gold Fee In the present day: सोने की कीमतें क्रैश करने वाली हैं, 2500 डॉलर तक गिर सकता है भावजीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में हो सकता है फैसलाकंपनसेशन सेस पर फैसला जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में हो सकता है। अभी अगली बैठक की तारीख तय नहीं हुई है। लेकिन, उम्मीद है कि संसद के मानसून सत्र से पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक हो जाएगी।
