Gold Worth: सोने की कीमतों में शुक्रवार (4 अप्रैल) को 3% से अधिक की तेज गिरावट दर्ज की गई। इससे एक हफ्ते में गोल्ड प्राइस में जितना उछाल आया था, जब खत्म हो गया। दरअसल, ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट और ट्रेड वॉर के बढ़ने से मंदी की आशंका बढ़ गई है। इसके चलते निवेशकों ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए गोल्ड बेचना शुरू कर दिया है।स्पॉट गोल्ड 2.6% गिरकर $3,030.66 प्रति औंस रहा। शुक्रवार को इसका लो $3,016.49 था, जबकि गुरुवार को यह $3,167.57 के साथ रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था। अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 2.3% गिरकर $3,049.20 पर आ गए। अगर तकनीकी मोर्चे पर बात करें, तो सोने की कीमत 21-दिन की मूविंग एवरेज $3,023 के ऊपर बनी रही।संबंधित खबरेंभारतीय बाजार में भी शुक्रवार को सोने के भाव में बड़ी गिरावट आई थी। दिल्ली में सोना 91,600 रुपये रहा। यह एक दिन पहले के मुकाबले 1,600 रुपये सस्ता हुआ था।गोल्ड प्राइस पर एक्सपर्ट की रायस्टैंडर्ड चार्टर्ड की एनालिस्ट सुकी कूपर ने कहा, ‘गोल्ड एक लिक्विड असेट है, जिसे मार्जिन कॉल्स पूरी करने के लिए बेचा जाता है। इसलिए जब कोई बड़ा रिस्क इवेंट होता है, तो इसमें बिकवाली आम बात है। ऐतिहासिक ट्रेंड के हिसाब से इसमें कोई नई बात नहीं है।’Metropolis Index के सीनियर एनालिस्ट मैट सिम्पसन के अनुसार, ‘इतनी अस्थिरता के बावजूद भी गोल्ड निवेशकों के लिए एक सेफ हेवन बना हुआ है।’ इसका मतलब है कि सोने की कीमतों में गिरावट तात्कालिक है और इसमें निकट भविष्य में तेजी बनी भी रह सकती है।क्या अमेरिका में आएगी मंदीफेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ‘उम्मीद से अधिक’ हैं। इसके असर से महंगाई बढ़ेगी और विकास दर धीमी हो सकती है।इसकी झलक गोल्ड से ज्यादा ग्लोबल शेयर बाजार पर दिखी, जो शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरे। S&P 500 और Nasdaq Composite लगभग 5% टूटे। इसकी बड़ी वजह थी कि चीन ने 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी वस्तुओं पर 34% टैक्स की घोषणा की। यह चीन का ट्रंप टैरिफ पर पलटवार है।2025 में सोना कितना चमका?इस साल यानी 2025 की शुरुआत से अब तक गोल्ड में 15.6% की तेजी दर्ज की गई है। इसका कारण है केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीदारी और आर्थिक-राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी।हालांकि, डॉलर इंडेक्स 0.7% बढ़ा, जिससे अमेरिकी डॉलर महंगा हुआ। क्योंकि गोल्ड की कीमत विदेशी खरीदारों के लिए और अधिक हो गई। इस बीच अमेरिका के नॉनफार्म पेरोल डाटा के बेहतर आने से भी बाजार प्रभावित हुआ। इससे अमेरिका में ब्याज दर घटने की उम्मीद कम हो गई। गोल्ड आमतौर पर कम ब्याज दरों के माहौल में बेहतर प्रदर्शन करता है।यह भी पढ़ें : Gold Worth Crash: सोना होगा सस्ता! 38% गिर सकता है भाव, जानिए क्या है वजह
