Gold vs Silver: पिछले कुछ दिनों से शेयर मार्केट से लेकर गोल्ड-सिल्वर तक में काफी उथल-पुथल देखने को मिली। इसकी बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ और उस पर चीन का पलटवार रहा। हालांकि, अब धीरे-धीरे स्थिति कुछ सुधर रही है। ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि गोल्ड की डिमांड घटेगी और चांदी की मांग में इजाफा होगा।गोल्ड की बात करें तो इसने साल 2025 की शुरुआत से काफी शानदार प्रदर्शन किया है। पहली तिमाही में इससे निवेशकों को 18% से अधिक रिटर्न मिला। हालांकि, अब एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले दिनों में गोल्ड की रफ्तार सुस्त पड़ सकती है। वहीं, चांदी का प्रदर्शन इससे बेहतर रह सकता है। मॉर्निंगस्टार के एनालिस्ट जॉन मिल्स ने तो सोने की कीमतों में 38% की भारी गिरावट आने का अनुमान लगाया है।संबंधित खबरेंगोल्ड और सिल्वर पर एक्सपर्ट की रायकोटक सिक्योरिटीज के सीनियर वीपी और रिसर्च हेड (करेंसी, कमोडिटी और इंटरेस्ट रेट्स) अनिंद्य बनर्जी के मुताबिक, चांदी की कीमतों में तेजी का रुझान बना हुआ है। यह निकट भविष्य में सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।उन्होंने कहा, “चांदी की कीमतें सोने के मुकाबले बढ़ी हैं। इसका कारण है बेस मेटल्स की मांग और इक्विटी मार्केट में शॉर्ट कवरिंग रैली। इससे निवेशकों की धारणा में बदलाव आया है।” बनर्जी ने बताया कि चांदी एक ‘रिस्क-ऑन’ एसेट मानी जाती है, यानी जब बाजार में भरोसा और जोखिम लेने का ट्रेंड बढ़ता है, तो चांदी बेहतर प्रदर्शन करती है।क्या है सोने और चांदी का लेटेस्ट रेटAll India Sarafa Affiliation के मुताबिक, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी (दिल्ली) में सोने की कीमतों में ₹200 की गिरावट दर्ज की गई। 24 कैरेट गोल्ड का रेट ₹91,250 प्रति 10 ग्राम पर आ गया।हालांकि, बीते पांच कारोबारी सत्रों से गिरावट झेल रही चांदी की कीमतों में ₹200 की बढ़त देखी गई। चांदी अब ₹92,700 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है, जबकि सोमवार को यह ₹92,500 प्रति किलोग्राम थी।सोने की कीमतों में गिरावट क्यों?गोल्ड की बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद सोने पर बिकवाली का दबाव है, जिसका कारण है मार्जिन कॉल्स। उन्होंने कहा, “सोने की चार्ट पर स्थिति कमजोर दिख रही है और यह निकट भविष्य में संघर्ष करता नजर आ सकता है।”बनर्जी ने यह भी बताया कि शुरुआत में डी-ग्लोबलाइजेशन (वैश्वीकरण से पीछे हटने) ने सोने और चांदी दोनों की मांग को बढ़ाया था। लेकिन, अब सुरक्षित निवेश के रूप में लोग अमेरिकी डॉलर, जापानी येन और यूएस ट्रेजरी बॉन्ड्स की ओर रुख कर रहे हैं। इससे गोल्ड पर दबाव बढ़ा है।यह भी पढ़ें : MWP Act: पति पर कर्ज है, तो पत्नी की संपत्ति बचाएगा ये कानून; बीमा रकम भी कोई छू नहीं सकेगा
