Gold Value Replace: वैश्विक तनाव में नरमी, अब सोना खरीदने में फायदा या बेचने में?


Gold Value Replace: वैश्विक तनाव में नरमी, अब सोना खरीदने में फायदा या बेचने में?
Gold Value Replace: सोने की कीमतों में बीते कुछ दिनों से उतार-चढ़ाव जारी है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 999 प्योरिटी वाले 10 ग्राम फिजिकल गोल्ड की कीमत 9 मई को ₹96,416 थी, जो 12 मई को गिरकर ₹93,080 तक आ गई। हालांकि, 13 मई को यह फिर बढ़कर ₹94,344 पर पहुंच गई।MCX पर भी जून गोल्ड फ्यूचर्स में तेजी दर्ज की गई, जो 12 मई को 3.79% की गिरावट के बाद ₹92,860 पर बंद हुए थे। 13 मई को इनमें 1.26% की तेजी रही और कीमत ₹94,070 तक पहुंच गई।अमेरिका-चीन समझौते से घटी गोल्ड की चमकसंबंधित खबरेंWay2Wealth की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 12 मई को करीब 3% गिरकर एक महीने के निचले स्तर पर आ गई। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ में 90 दिनों के लिए बड़ी कटौती पर बनी सहमति है। इस घटनाक्रम से निवेशक शेयर बाजार जैसी जोखिम वाली संपत्ति का रुख किया और सुरक्षित निवेश विकल्पों (safe-haven property) की मांग कम हुई।क्या सोने की कीमतों में आएगी और गिरावट?Motilal Oswal Monetary Providers के रिसर्च हेड (कमोडिटीज एंड करंसीज) नवनीत दमानी ने कहा कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में और गिरावट मुमकिन है। उन्होंने बताया, “हमारा मानना अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और सस्ता होगा। घरेलू स्तर पर भी कीमतें ₹90,000–₹91,000 के स्तर तक आ सकती हैं, खासकर भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव कम होने की वजह से।”Way2Wealth के टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार, MCX गोल्ड में निकट अवधि में अस्थिरता बनी रह सकती है। फिलहाल इसमें ₹92,200 पर सपोर्ट और ₹97,000 पर रेजिस्टेंस देखा जा रहा है।लॉन्ग टर्म आउटलुक बना मजबूतदूसरी ओर, कई एक्सपर्ट मानते हैं कि मौजूदा गिरावट के बावजूद सोने को लेकर लंबी अवधि में नजरिया पॉजिटिव है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही मुद्रास्फीति में नरमी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बेहतर संकेतों से थोड़ी गिरावट आई हो, लेकिन सेंट्रल बैंकों की खरीदारी, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और ब्याज दर में संभावित कटौती लंबी अवधि में गोल्ड में तेजी को सपोर्ट दे रही है।”उन्होंने आगे कहा कि भारत में आगामी त्योहारों और शादियों के सीजन को देखते हुए घरेलू मांग स्थिर बनी हुई है। ऐसे में आने वाले कुछ तिमाहियों में कीमतें स्थिर से लेकर मजबूत बनी रह सकती हैं।निवेशकों को क्या करना चाहिए?एक्सपर्ट का मानना है कि रिटेल इन्वेस्टर्स को सोने को लॉन्ग टर्म एसेट के रूप में देखना चाहिए, न कि फौरन मुनाफा देने वाले साधन के तौर पर। अक्षा कंबोज ने कहा, “मौजूदा गिरावट लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए धीरे-धीरे खरीदारी का मौका हो सकती है।”दमानी ने भी निवेशकों को सलाह दी कि वे ₹90,000 के करीब कीमत आने पर निवेश पर विचार करें और साथ ही सिल्वर को भी पोर्टफोलियो में शामिल करें, क्योंकि आने वाले दिनों में इसमें बेहतर रिटर्न की संभावना है।फाइनेंशियल एडवाइजर्स की सामान्य राय है कि पोर्टफोलियो में 10–15% हिस्सा गोल्ड का होना चाहिए। निवेश का फैसला मूल्य उतार-चढ़ाव पर नहीं, बल्कि आपकी ओवरऑल फाइनेंशियल प्लानिंग पर आधारित होना चाहिए।यह भी पढ़ें : Gold Fee As we speak: क्या गोल्ड में तेजी का दौर खत्म हो चुका है?

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