Gold Value Outlook: ट्रे़ड वॉर और महंगाई जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। बीते कुछ सत्रों में थोड़ी सुस्ती के बाद अब एक बार फिर निवेशकों का रुझान इस सुरक्षित निवेश विकल्प की ओर बढ़ा है। डॉलर में कमजोरी, ट्रेड वॉर की आशंका और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते गोल्ड में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।भारत के कमोडिटी बाजार में अब सोने की कीमत ₹95,000 प्रति 10 ग्राम के पार जा चुकी है। यानी यह ऐतिहासिक ₹1 लाख के आंकड़े से सिर्फ 5% दूर है। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या मौजूदा हालात में यह कीमती धातु और ऊंचाई पर जा सकती है?वैश्विक तनावों से बढ़ी सोने की मांगसंबंधित खबरेंएनालिस्टों का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ से ट्रेड वॉर की आशंका गहरा गईई है। इसकी प्रतिक्रिया में निवेशकों ने जोखिम वाले एसेट्स, जैसे कि शेयर और बॉन्ड से दूरी बना ली है। उनका रुख अब सोने की ओर है। साथ ही, दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की ओर से भारी खरीदारी और भौतिक डिलीवरी की मांग ने भी कीमतों को सहारा दिया है।गोल्ड पर विदेशी बैंकों का अनुमानBank of America का अनुमान है कि COMEX (अंतरराष्ट्रीय बाजार) में सोना अगले दो वर्षों में $3,500 प्रति औंस तक पहुंच सकता है। वहीं Goldman Sachs ने 2025 के अंत तक सोने की कीमत $3,300 प्रति औंस रहने का अनुमान जताया है।अगर यह अनुमान सटीक साबित होते हैं, तो भारतीय बाजार में सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से ऊपर जा सकता है। अगर रुपये में लगातार कमजोरी बनी रहे, तो कीमतों में और भी अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है।क्या सोना अब ज्यादा महंगा हो गया है?कई एक्सपर्ट का मानना है कि बहुत जल्दी काफी ऊपर चला गया है और अब इसमें गिरावट की आशंका है। रिसर्च फर्म Morningstar का मानना है कि सोने की कीमत में आने वाले वर्षों में 40% तक की गिरावट हो सकती है। उनका तर्क है कि जैसे-जैसे सोने की माइनिंग और री-साइक्लिंग बढ़ रही है, सप्लाई में इजाफा होगा, लेकिन मांग उतनी तेजी से नहीं बढ़ेगी। इससे आखिर में कीमतों में भारी गिरावट आएगी।अगर Morningstar का अनुमान सच हुआ और डॉलर के मुकाबले रुपये की मौजूदा दर (₹85.5) बनी रही, तो भारत में सोने की कीमत ₹55,000-₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है।सोने के दाम गिरने पर एक्सपर्ट में मतभेदMorningstar की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कमोडिटी एक्सपर्ट अनिल पटेल ने कहा, “सोने की कीमत में इतनी बड़ी गिरावट तभी मुमकिन है, जब दुनिया में व्यापारिक तनाव न हो, अर्थव्यवस्था मजबूती से बढ़े और शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर हो। लेकिन फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है।”LKP Securities के रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के मुताबिक, 7 अप्रैल 2025 से अब तक घरेलू बाजार में सोना 8% चढ़ चुका है। उन्होंने कहा, ‘निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता अभी भी सीमित है। जब तक वैश्विक हालात अस्थिर रहेंगे, तब तक सोने में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।’यह भी पढ़ें : Gold Value: जेवर खरीदना है, तो कर लें थोड़ा इंतजार; जल्द ₹5,000 तक सस्ता हो सकता है सोना
