Gold Value: अगर अमेरिका ने कर दिया ऐसा! तो 1 लाख रुपये होगा सोना, जानें क्यों डर रहा है बाजार?


Gold Value: अगर अमेरिका ने कर दिया ऐसा! तो 1 लाख रुपये होगा सोना, जानें क्यों डर रहा है बाजार?
Gold Fee Developments: सोने की कीमतों में हाल के दिनों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा गया है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के बीच निवेशकों ने सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर अपनाया है। शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का जून वायदा भाव 93,736 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। एक्सपर्ट की राय इस बात पर बंटी हुई है कि क्या सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू पाएगा या मौजूदा तेजी टेंपरेरी है और कीमतों में 38-40% तक की गिरावट आ सकती है। लेकिन अमेरिका ने अगर ऐसा किया तो सोना 1,00,000 रुपये होगा।1 लाख रुपये तक जाएगा सोना?स्प्रॉट एसेट मैनेजमेंट के सीनियर पोर्टफोलियो मैनेजर रयान मैकिन्टायर का मानना है कि केंद्रीय बैंकों की भारी खरीद और ट्रंप की टैरिफ नीति से उपजी वैश्विक अनिश्चितता सोने की कीमतों को समर्थन दे रही है। कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह ने बताया कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने के 1 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक अस्थिरता के समय सोना सुरक्षित निवेश के रूप में ज्यादा डिमांड में रहता है।संबंधित खबरेंमोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी हेड किशोर नार्ने ने कहा कि सोने की कीमतों की कोई सीमा नहीं है। यह $4,000-4,500 प्रति औंस तक जा सकता है।हालांकि, अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का मत थोड़ा अलग है। उन्होंने कहा कि मौजूदा तेजी पिछले ट्रेंड का विस्तार है, नई शुरुआत नहीं। वे नहीं मानते कि सोना 1 लाख रुपये तक पहुंचेगा, क्योंकि अधिकांश बुलिश फैक्टर पहले ही बाजार में शामिल हो चुके हैं।क्या 40% तक गिरेगा सोना?दूसरी ओर, मॉर्निंगस्टार के मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट जॉन मिल्स का मानना है कि सोने की कीमतें गिरकर $1,820 प्रति औंस तक जा सकती हैं, जो मौजूदा $3,080 प्रति औंस से लगभग 38-40% की गिरावट होगी। यानी, सोने का भाव 56000 रुपये तक आएगा। उनका कहना है कि सप्लाई में बढ़ोतरी, डिमांड में कमी और मार्केट सैचुरेशन के कारण कीमतें तेज़ी से गिर सकती हैं।निवेशकों के लिए क्या मतलब?फिलहाल बाजार में गोल्ड की मांग बनी हुई है, लेकिन यह स्थिति कब तक रहेगी, इस पर विशेषज्ञों की राय भिन्न है। एक तरफ जहां 1 लाख रुपये का स्तर संभव दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर संभावित गिरावट की चेतावनी भी दी जा रही है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहकर निवेश का फैसला लेने की सलाह दी जा रही है।क्या आपको भी SBI से यूपीआई ट्रांजेक्शन में दिक्कत आती है? जानिए इसकी वजह

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