सोने का भाव 15 मई को एक महीने के निचले स्तर पर आ गया। देशी और विदेशी दोनों बाजारों में सोने में बड़ी गिरावट आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 1.3 फीसदी गिरकर 3,136.97 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 1.5 फीसदी फिसलकर 3,140 डॉलर प्रति औंस पर था। यह 10 अप्रैल के बाद विदेशी बाजार में गोल्ड का सबसे कम प्राइस है। इधर, इंडिया में भी सोने में बड़ी गिरावट दिखी। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स शुरुआती कारोबार में 1.33 फीसदी यानी 1,115 रुपये की कमजोर के साथ 91,150 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।पिछले महीने सोने ने बनाया था ऊंचाई का रिकॉर्डसोने में यह गिरावट चौंकाने वाली है। इसने उन निवेशकों को डरा दिया है, जो हाल तक गोल्ड में जबर्दस्त तेजी को देखकर इसमें निवेश कर रहे थे। एमसीएक्स में गोल्ड पिछले महीने 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। अब यह गिरकर 91,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पिछले महीने गोल्ड ने 3500 डॉलर प्रति औंस का ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया था। अब यह 3,136 डॉलर पर आ गया है। गोल्ड अपने ऑल टाइम रिकॉर्ड हाई से 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है।संबंधित खबरेंगोल्ड में लगातार गिरावट की वजहएक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन कम होने से गोल्ड की चमक फीकी पड़ रही है। इनवेस्टर्स गोल्ड से पैसे निकालकर शेयरों जैसे ज्यादा रिटर्न वाले एसेट में लगा रहे हैं। इसमें बड़ा हाथ अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील का है। इस डील से अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर लड़ाई थम गई है। बताया जाता है कि भारत सहित कुछ और बड़े देशों के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत चल रही है। इस बारे में जल्द समझौते का ऐलान हो सकता है। उधर, रूस और यूक्रेन के बीच सुलह का रास्ता बनता दिख रहा है।शॉर्ट टर्म में गिरावट जारी रहने के आसारएनालिस्ट्स का मानना है कि घरेलू मार्केट में गोल्ड की कीमतें शॉर्ट टर्म में 87,000-88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती हैं। उधर, विदेशी बाजार में सोना 3,050 से 3,000 डॉलर प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। मेहता इक्विटीज में कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलांतरी ने कहा, “गोल्ड में गिरावट की बड़ी वजह प्रॉफिट टेकिंग है। ज्यादा रिस्क वाले एसेट्स में निवेश बढ़ने का असर गोल्ड पर दिख रहा है।”आपको क्या करना चाहिए?मनीकंट्रोल ने निवेशकों को शॉर्ट टर्म में गोल्ड में कमजोरी के अनुमान के बारे में बताया था। गोल्ड में यह बड़ी गिरावट उन निवेशकों के लिए गोल्ड में खरीदारी करने का शानदार मौका है। निवेशकों को शॉर्ट टर्म में गोल्ड की कीमतों में उतारचढ़ाव पर ध्यान दिए बगैर इसमें लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि में गोल्ड का आउटलुक स्ट्रॉन्ग है। निवेशक हर गिरावट पर गोल्ड में थोड़ी-थोड़ी खरीदारी कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में गोल्ड में उनका निवेश अच्छे लेवल पर पहुंच जाएगा। फाइनेंशियल एडवाइजर्स इनवेस्टमेंट पोर्टपोलियो में 10-15 फीसदी गोल्ड की हिस्सेदारी रखने की सलाह देते हैं।
