Gold Price At this time: बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में भारी गिरावट देखी गई। एक ही दिन में सोना 1,050 रुपये सस्ता हुआ है। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,050 रुपये टूटकर 90,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जो पिछले सत्र में 91,250 रुपये पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी इतनी ही गिरावट के साथ 89,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। आज गोल्ड में बड़ी गिरावट देखनो को मिल रही है। जहां वैश्विक स्तर पर सोना चढ़ रहा है, वहीं घरेलू बाजार में कमजोर मांग की वजह से इसकी कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने बताया कि यह गिरावट स्टॉकिस्ट और रिटेल बायर्स की कमजोर मांग की वजह से हुई है। घरेलू स्तर पर मांग कम रहने से सोने की कीमतों पर दबाव बना है।दूसरी ओर, चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली। चांदी 500 रुपये बढ़कर 93,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो मंगलवार को 92,700 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। यह तेजी वैश्विक स्तर पर चांदी की मजबूत मांग को दर्शाती है।संबंधित खबरेंअंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजीविदेशी बाजार में हाजिर सोना 2.08 प्रतिशत या 61.98 डॉलर की तेजी के साथ 3,044.14 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाएं बढ़ने से निवेशकों ने सोने को फिर से सुरक्षित निवेश के रूप में अपनाना शुरू कर दिया है।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल दिया है। अमेरिका द्वारा चीन पर 104 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद चीन ने भी अमेरिका पर शुल्क 34 प्रतिशत से बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया है, जो 10 अप्रैल से प्रभावी होंगे।गांधी ने यह भी कहा कि ट्रंप की शुल्क नीति ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर किया है, जिससे सोने की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में समर्थन मिला।अंतरराष्ट्रीय चांदी भी मजबूतएशियाई बाजार में हाजिर चांदी लगभग 2% बढ़कर 30.41 डॉलर प्रति औंस बोली गई। विश्लेषकों का मानना है कि चांदी की कीमतों में यह उछाल वैश्विक अनिश्चितताओं और औद्योगिक मांग में सुधार का संकेत है।आगे क्या होगा?अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि निवेशक ट्रंप की शुल्क रणनीति और इसके वैश्विक प्रभाव पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की एफओएमसी बैठक और मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार की दिशा तय करेंगे।EPFO: कर्मचारी स्वयं बना सकेंगे UAN नंबर, नहीं होगी कंपनी की जरूरत
