आरबीआई ने 6 जून को गोल्ड लोन और सिल्वर लोन के लिए फाइनल गाइडलाइंस पेश कर दी। केंद्रीय बैंक बैंक और एनबीएफसी को गोल्ड बार (बुलियन) और सोने या चांदी से जुड़े फाइनेंशियल एसेट्स के बदले लोन देने से मना कर दिया है। बैंक और एनबीएफसी गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स की गोल्ड स्कीम और डिजिटल गोल्ड के बदले भी लोन नहीं दे सकेंगी। आरबीआई ने गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों और बैंकों के लिए रिस्क कम करने के मकसद से यह नियम बनाया है।बैंकों और एनबीएफसी के लिए रिस्क घटेगाMuthoot FinCorp के सीईओ शाजी वर्गीज ने कहा कि गोल्ड बुलियन या ईटीएफ और गोल्ड ज्वैलरी में फर्क है। दोनों के मकसद भी अलग-अलग हैं। गोल्ड बुलियन और गोल्ड ईटीएफ की वैल्यू में तेजी से उतारचढ़ाव हो सकता है। इससे लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी के लिए रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए आरबीआई ने ऐसे एसेट्स पर लोन देने से बैंकों और एनबीएफसी को रोक दिया है।संबंधित खबरेंगोल्ड लोन के प्रोसेस में आएगी पारदर्शितामणिपाल फिनटेक की सीईओ पूजा सिंह ने कहा, “गोल्ड ज्वैलरी की वैल्यू औपचारिक होती है। इसकी जगह गोल्ड बार, सिल्वर और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स का आकलन करना अपेक्षाकृत मुश्किल है।” इससे गोल्ड लोन के प्रोसेस में पारदर्शिता लाने का आरबीआई का मकसद पूरा होगा। गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ से प्लेजिंग का रिस्क डबल हो जाता है। पिछले कुछ सालों में गोल्ड लोन में ग्राहकों की दिलचस्पी काफी बढ़ी है।अब चांदी भी गिरवी रखकर आप ले सकते हैं लोनवर्गीज ने कहा, “आरबीआई ने लोन के लिए एसेट का दायरा बढ़ाकर सिल्वर को भी शामिल कर दिया है। उसने गोल्ड ईटीएफ और इस तरह के दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स को लोन के लिए स्वीकार्य एसेट्स के दायरे से बाहर बनाए रखा है।” उन्होंने कहा कि आरबीआई की कोशिश गोल्ड लोन के मौजूदा कई नियमों में बदलाव कर परेशानी पैदा नहीं करने की है। चूंकि, गोल्ड लोन लेने वालों में ऐसे कई ग्राहक होते हैं जो छोटे अमाउंट का लोन लेते हैं, जिससे नियमों में बड़े बदलाव से उन्हें दिक्कत हो सकती है।यह भी पढ़ें: Jio BlackRock Mutual Fund: जियो ब्लैकरॉक को सेबी से निवेश से जुड़ी सलाह देने की इजाजत मिली, निवेशकों को मिलेगी हाई क्वालिटी एडवाइसआरबीआई ने अप्रैल में जारी किया था गाइडलाइंस का ड्राफ्टयह ध्यान में रखने वाली बात है कि 1 अप्रैल, 2026 से पहले सैंक्शन किए गए लोन पर मौजूदा नियम (नए नियम नहीं) लागू होंगे। आरबीआई के नियम के मुताबिक, गोल्ड ज्वैलरी, सपेशियली मिंटेगो कॉइन (22 या इससे ज्यादा कैरेट के जो बैंकों की तरफ से बेचे जाते हैं) को बैंक या एनबीएफसी के पास गिरवी रख लोन लिया जा सकता है। इसमें शर्त यह है कि एक ग्राहक 50 ग्राम तक गोल्ड गिरवी रखकर लोन ले सकता है।
