स्टॉक मार्केट्स के लिए स्थितियां अनुकूल दिख रही हैं। अमेरिका और चीन में ट्रेड डील हो गई है। अमेरिकी इकोनॉमी पर मंदी का खतरा टलता दिख रहा है। इधर, इंडिया में कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे मिलेजुले रहे हैं। सवाल है कि आज 10 लाख रुपये का निवेश कहां करने पर होगी मोटी कमाई? मनीकंट्रोल ने इस बारे में इहाब दलवाई से बातचीत की। वह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में सीनियर फंड मैनेजर हैं। उन्होंने इस सवाल का जवाब देने के साथ ही स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के बारे में कई बातें बताई।गिरावट के बावजूद वैल्यूएशंस ज्यादादलवाई का मानना है कि इंडियन स्टॉक मार्केट्स (Inventory Markets) में कुछ पॉकेट्स में शेयरों की कीमतों में गिरावट आई है। इसके बावजूद वैल्यूएशंस हिस्टोरिकल एवरेज से ज्यादा है। उन्होंने दूसरी अहम बात यह बताई कि कपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ (Earnings Progress) सामान्य रहने की उम्मीद है। ज्यादार कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजें आ गए हैं। नतीजें मिलुजुले रहे हैं। आगे अच्छी क्वालिटी और बैलेंसशीट वाली कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है।संबंधित खबरेंज्यादा अर्निंग्स ग्रोथ का दौर खत्मउन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर चिंता घटी है। लेकिन अब भी ट्रेड को लेकर टेंशन खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में शेयरों की कीमतों में तेजी सिर्फ सेंटिमेंट पर नहीं बल्कि कंपनियों की अर्निंग्स पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि हम ऐसे फेज में दाखिल हो रहे हैं, जिसमें अर्निंग्स ग्रोथ सामान्य रह सकती है। यह पहले की हाई ग्रोथ वाली साइकिल जैसी नहीं होगी। जहां तक इंडिया की बात है तो कॉर्पोरेट प्रॉफिट और जीडीपी का अनुपात ऐतिहासिक ऊंचाई पर है।यह भी पढ़ें: Digital Type 16: अब ITR फाइलिंग में नहीं होगी दिक्कत, डिजिटल फॉर्म 16 से कुछ ही मिनट में हो जाएगा कामनिवेश में मल्टी-एसेट एप्रोच जरूरीआज 10 लाख रुपये का निवेश कहां करना ठीक रहेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि निवेशक को अभी मल्टी-एसेट एप्रोच अपनाना चाहिए। इसका मतलब है कि निवेश एक एसेट की जगह कई एसेट में करना चाहिए। इनमें इक्विटी, डेट और कमोडिटीज शामिल हैं। ग्लोबल मार्केट और इकोनॉमी में अनिश्चितता को देखते हुए क्वालिटी फोकस्ड इक्विटी फंड में निवेश करना ठीक रहेगा। एक ही मार्केट कैप की कंपनियों की जगह अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करना ठीक रहेगा।
