EPF passbook verify: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) अकाउंट में ब्याज क्रेडिट करना शुरू कर दिया है। हालांकि EPFO की ओर से अभी तक कोई औपचारिक सूचना या SMS जारी नहीं किया गया है, लेकिन कई खाताधारकों ने अपने PF बैलेंस में इजाफा देखा है।सरकार ने हाल ही में EPF के लिए 8.25% की ब्याज दर को मंजूरी दी थी। यह EPFO बोर्ड की फरवरी 2025 में की गई सिफारिश के अनुरूप है। सरकारी मंजूरी मिलने के बाद अब EPFO देशभर के 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों के PF खातों में वार्षिक ब्याज जमा कर रहा है।EPF पासबुक में ब्याज क्रेडिट कैसे चेक करें?संबंधित खबरेंEPF खाताधारक यह जांच सकते हैं कि उनके खाते में ब्याज आया है या नहीं। इसके लिए उन्हें EPFO के पासबुक पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। नीचे पूरी प्रक्रिया दी गई है: स्टेप 1: EPFO पासबुक पोर्टल https://passbook.epfindia.gov.in पर जाएं। स्टेप 2: अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN), पासवर्ड और कैप्चा दर्ज करके लॉग इन करें। स्टेप 3: रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए OTP को दर्ज करें। यह नंबर आपके PF खाते से लिंक होना चाहिए। स्टेप 4: लॉग इन के बाद, मौजूदा और पुराने नियोक्ताओं से जुड़ी Member IDs की सूची दिखाई देगी। स्टेप 5: ‘Passbook’ टैब पर क्लिक करें और संबंधित Member ID चुनकर पासबुक देखें। पासबुक में हर वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान के साथ-साथ ब्याज की एंट्री अलग-अलग कॉलम में दिखती है। पोर्टल पर एक ग्राफिकल व्यू भी मौजूद रहता है, जो आंकड़ों को समझने में आसान बनाता है।अगर किसी Member ID में जीरो बैलेंस दिख रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह ID मर्ज हो चुकी है या उससे रकम पहले ही निकाली जा चुकी है। खाताधारक EPFO पोर्टल से ट्रांसफर रिक्वेस्ट के जरिए पुरानी IDs को मौजूदा खाते में मर्ज कर सकते हैं।अगर ब्याज नहीं दिख रहा हो तो क्या करें?EPFO पोर्टल पर ब्याज अपडेट में कुछ समय लग सकता है। अगर पासबुक में ब्याज नहीं दिख रहा है, तो कुछ दिनों तक इंतजार करें। फिर भी ब्याज क्रेडिट न हो, तो खाताधारक EPFO के क्षेत्रीय कार्यालय या ऑनलाइन ग्रीवांस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।EPFO मेंबर्स इन बातों का भी रखें ध्यान पोर्टल पर लॉगिन करने में समय लग सकता है; सर्वर स्लो रहने की शिकायत आम है। EPFO की वेबसाइट पासबुक का PDF डाउनलोड विकल्प भी उपलब्ध है। ब्याज क्रेडिट के बाद भी अगर बैलेंस में फर्क नहीं दिख रहा है, तो मर्जिंग स्टेटस और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की जांच करें। यह भी पढ़ें : EPFO का बड़ा फैसला: ऑटो क्लेम लिमिट को 5 गुना बढ़ाया, लाखों मेंबर को मिलेगी राहत
