ELIS: नौकरी के बदले सरकार देगी पैसे, फिर भी राजी नहीं हो रही कंपनियां; आखिर कहां फंस रहा पेच?


ELIS: नौकरी के बदले सरकार देगी पैसे, फिर भी राजी नहीं हो रही कंपनियां; आखिर कहां फंस रहा पेच?
ELIS: केंद्र सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट 2024 में Employment-Linked Incentive Scheme (ELIS) का ऐलान किया था। लेकिन, अब इस योजना को अमल में लाने में अड़चनें आ रही हैं। इस योजना की प्रक्रिया से जुड़े दो अधिकारियों ने Moneycontrol को बताया कि ELIS को फिलहाल अधिसूचित नहीं किया जाएगा, क्योंकि उद्योग जगत स्कीम के मौजूदा ढांचे में बड़े बदलाव की मांग कर रहा है।उद्योग जगत की क्या मांग है?सूत्रों के अनुसार, उद्योग संगठनों ने सरकार से नए कर्मचारियों के लिए निर्धारित ₹15,000 के एकमुश्त वेतन लाभ को बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि आज के समय में ₹15,000 की रकम काफी कम है और नए कर्मचारियों की भर्ती से कंपनियों पर आर्थिक दबाव बढ़ता है।संबंधित खबरेंELIS योजना में क्या प्रावधान हैं?ELIS को तीन योजनाओं में विभाजित किया गया है। आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं: Scheme A: संगठित क्षेत्र में नियुक्त सभी नए कर्मचारियों को एक माह की सैलरी (अधिकतम ₹15,000) तीन किश्तों में DBT के माध्यम से दी जाएगी। इसके लिए EPFO में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। Scheme B: यह योजना विशेष रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पहले बार नियुक्त कर्मचारियों पर केंद्रित है। इसमें कर्मचारियों और नियोक्ताओं- दोनों को EPFO में चार साल तक योगदान के आधार पर लाभ दिए जाएंगे। Scheme C: इसमें उन नियोक्ताओं को ₹3,000 प्रतिमाह रिइंबर्समेंट (Reimbursement) दिया जा जाएगा, जो नए कर्मचारियों को नौकरी देते हैं। यह सहायता दो वर्षों तक दी जाएगी। कर्मचारी का वेतन अधिकतम ₹1 लाख प्रति महीना तक होना चाहिए। तकनीकी तैयारी के साथ नीति में सुधारELIS का कार्यान्वयन श्रम मंत्रालय करेगा। फिलहाल, वह EPFO का डिजिटल सिस्टम अपग्रेड करने की प्रक्रिया में है, ताकि DBT सुचारु रूप से किया जा सके। मंत्रालय ने नियोक्ताओं से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि नए कर्मचारियों का UAN सक्रिय हो और उनका बैंक खाता आधार से लिंक हो। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘EPFO की आईटी सिस्टम बेहतर करने का काम अगले कुछ हफ्तों में पूरा हो जाएगा।’पिछले छह महीनों में श्रम मंत्रालय ने 20 से अधिक स्टेकहोल्डर मीटिंग्स आयोजित की हैं। इनमें उद्योग प्रतिनिधि, नियोक्ता एवं कर्मचारी संगठन, विभिन्न राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी, EPFO, शैक्षणिक व शोध संस्थान और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल रहे।ELIS पर उद्योग जगत की प्रतिक्रियाइंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की कार्यकारी निदेशक सुचिता दत्ता ने बताया कि ELIS औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में काफी सकारात्मक कदम है। ₹15,000 की सहायता राशि नियोक्ताओं को औपचारिक रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित करती है और कर्मचारियों को कम-से-कम एक साल तक बनाए रखने में मदद करती है।उन्होंने कहा, ‘फिलहाल यह जिम्मेदारी नियोक्ताओं पर है कि वे निर्धारित प्रोत्साहन का भुगतान करें, लेकिन सभी पहलुओं की समीक्षा की जा रही है। इसका मकसद है कि हायरिंग पर नकारात्मक असर न पड़े, बल्कि औपचारिक रोजगार की संस्कृति को बढ़ावा मिले।’एक्सपर्ट का मानना है कि यह योजना रोजगार की स्थिरता और संगठित क्षेत्र में कार्यबल के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अदगर उद्योग जगत की मांगों के हिसाब से संशोधन किए जाते हैं, तो यह भारत में दीर्घकालिक रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम बन सकती है।यह भी पढ़ें : ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, OTP से होगा वेरिफिकेशन; जानिए EPFO 3.0 की हर एक डिटेल

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