Dwelling Mortgage: हर सेक्टर में तेजी से डिजिटलाइजेशन हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भविष्य माना जा रहा है। इससे होम लोन सेक्टर भी अछूता नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि होम लोन का भविष्य कैसा होगा? इस सेक्टर में डिजिटलीकरण और AI का इस्तेमाल किस तरह से बढ़ रहा है। इससे होम लोन लेने वाले ग्राहकों को कैसे फायदा होगा, इन सब मुद्दे पर मनीकंट्रोल ने बात की बेसिक होम लोन के सीईओ और को-फाउंडर अतुल मोंगा से:क्या आने वाले समय में होम लोन होगा पूरी तरह से डिजिटल?जी हां, होम लोन आने वाले समय में पूरी तरह से डिजिटल, रियल-टाइम और पर्सनलाइज्ड बन जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में डिजिटल लोन का मार्केट 2030 तक 515 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में होम लोन लेना भी उतना ही आसान होगा, जितना कि कैब बुक करना। न पेपरवर्क की जरूरत, ना ही ब्रांच जाने की झंझट। लोन तुरंत प्रोसेस होंगे, रियल-टाइम में अपडेट होंगे। ग्राहकों को पूरी प्रक्रिया में आसान और पारदर्शी अनुभव मिलेगा।संबंधित खबरेंक्या AI पावर्ड चैटबोट या वर्चुअल लोन एडवाइर देश के लोन मार्केट का अभिन्न हिस्सा बन जाएंगे?कुछ समय पहले तक सारा काम नॉन-AI टेक्नोलॉजी से होता था, ऐसे में हर चीज पर निगरानी रखना लगभग नामुमकिन था। लेकिन, अब AI की भूमिका बढ़ गई है। आने वाले समय में AI लोन को आसान और पर्सनलाइज्ड बना देगा। इससे लोन की पूरी प्रक्रिया में आने वाली मुश्किलें हल हो जाएंगी।हम बेसिक होम लोन में भी AI ला रहे हैं। यह उद्योग जगत का पहला AI प्लेटफॉर्म है जो जनरेटिव एआई के जरिए घर खरीदने की पूरी यात्रा को बेहद आसान बना सकता है। यह 30 से अधिक भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है, हिंगलिश को समझता है और वॉइस एवं स्क्रीन के जरिए यूजर को लोन की प्रक्रिया के लिए गाइड करता है। ऐसे में यह खासतौर पर टियर 2 और टियर 3 शहरों के यूजर्स को आसान और बेहतर एक्सपीरियंस देगा।फिनटेक प्लेयर्स किस तरह से लोन एप्लीकेशन और अप्रूवल की प्रक्रिया में बदलाव ला रहे हैं?हम लोग लोन प्रोवाइडर को ध्यान में रखते हुए एडवांस्ड AI मॉडल्स का इस्तेमाल करते हैं, ताकि 300 से अधिक पैरामीटर्स जैसे क्रेडिट डेटा, बैक पॉलिसी, लोन लेने के इरादे को समझा जा सके। फिनटेक लोन प्रोवाइडर होने के नाते, हम एआई और ऑटोमेशन का इस्तेमाल कर लोन की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।हम आधुनिक समाधानों के जरिए आज के दौर की मुश्किलों को हल करने का प्रयास करते हैं जैसे -स्लो प्रोसेसिंग, मैनुअल पेपरवर्क और लिमिटेड विजिबिलिटी। इन सभी इनोवेशन के चलते लोन की प्रोसेसिंग मिनटों में हो सकती है और पूरा सिस्टम तेज और पारदर्शी हो जाता है।आज सरकार अफॉर्डेबल हाउसिंग को सबसे ज्यादा महत्व दे रही है। इसके बावजूद मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के लोग लोन पाने के लिए जूझ रहे हैं। फिनटेक और लोन प्रोवाइडर उनकी इस मुश्किल को कैसे हल कर सकते हैं?मेरा मानना है कि फिनटेक और आम लोन प्रोवाइडर, डेटा एवं स्मार्ट क्रेडिट असेसमेंट टूल्स का इस्तेमाल कर अधिक से अधिक लोगों को होम लोन पाने में मदद कर सकते हैं। कम आय वर्ग वाले बहुत से लोगों की फॉर्मल क्रेडिट हिस्ट्री न होने के कारण उन्हें आसानी से लोन नहीं मिल पाता।लेकिन उनके रोजमर्रा के डेटा जैसे रेंट पेमेंट, मोबाइल फोन के इस्तेमाल, यूटिलिटी बिल्स, खर्च करने की आदतों आदि के आधार पर लोन प्रोवाइडर समझ सकता है कि लोन के लिए अप्लाई करने वाला व्यक्ति अपने पैसे को कैसे मैनेज करता है। ऐसे में एआई टूल्स और स्थानीय सपोर्ट से लोन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और स्मार्ट बनाया जा सकता है।क्या आपको लगता है कि प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के बीच शहरी भारत में अफॉर्डेबिलिटी की परिभाषा बदल देनी चाहिए?मौजूदा स्थिति में मध्यम आय वर्ग के लिए मुंबई, बेंगलुरु या गुरुग्राम जैसे महानगरों में 45 लाख रुपये तक के घर ढूंढना मुश्किल है। ऐसे घर या तो अच्छी लोकेशन में नहीं होते, या मध्यम वर्ग के रहने योग्य नहीं होते।अब मान लीजिए एक परिवार की औसत आय सालाना 10 लाख रुपये है। रोजाना के खर्च के बाद वे 25-30 हजार रुपये निवेश या बचत करते हैं। महानगरों में आमतौर पर 75 लाख रुपये का घर मिल सकता है, यानी उन्हें 50 लाख रुपये का लोन लेना पड़ेगा। इसकी EMI तकरीबन 30-40 हजार रुपये बैठेगी। ऐसे में पॉलिसियों में बदलाव लाना ही चाहिए।मेरा मानना है कि महानगरों में 75 लाख रुपये तक के घरों को अफॉर्डेबल कैटेगरी में डालकर और CLSS इनकम एलिजिबिलिटी को 9 लाख रुपये से अधिक कर, इस अंतर को दूर किया जा सकता है।यह भी पढ़ें : लोन रिकवरी एजेंट आपके घर या दफ्तर आ सकते हैं या नहीं, क्या हैं आपके कानूनी अधिकार?Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
