ऐपल फैंस के लिए अच्छी खबर है, फिलहाल आपके पसंदीदा iPhones महंगे नहीं हो रहे। पिछले कुछ हफ्तों से यह आशंका जताई जा रही थी कि अमेरिका सरकार चीन (US China Commerce Struggle) से आने वाले प्रोडक्ट्स पर नए टैक्स लगाएगी। इससे iPhones और दूसरी गैजेट्स की कीमतें काफी बढ़ सकती थीं। अगर ऐसा होता, तो ऐपल को इन प्रोडक्ट्स पर 145% तक का भारी-भरकम टैक्स चुकाना पड़ता।ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि ऐपल ये अतिरिक्त लागत ग्राहकों से वसूलने के लिए प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा सकता है। लेकिन राहत की बात यह है कि ऐसा नहीं हो रहा।ट्रंप ने टेक इंडस्ट्री को दी बड़ी रियायतसंबंधित खबरेंब्लूमबर्ग की रिपोर्ट मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स और कुछ अन्य टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट देने का फैसला किया है। यानी इन पर अभी कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा। यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने बीते शुक्रवार देर रात यह घोषणा की कि ये आइटम्स न तो 125% के भारी चीन टैरिफ में शामिल होंगे और न ही दूसरे देशों पर लगने वाले सामान्य 10% ग्लोबल टैरिफ में।यह सिर्फ ऐपल के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के उन लोगों के लिए भी राहत की खबर है जो अपने गैजेट्स को लेकर जुनूनी हैं। इन डिवाइसेज – जैसे कि फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर पार्ट्स और मेमोरी चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग अमूमन अमेरिका में नहीं होती। वहां इनकी फैक्ट्रियां बनाने में वर्षों लग सकते हैं। इसलिए अगर ये टैक्स लागू हो जाते, तो इसका असर कंपनियों और ग्राहकों दोनों पर पड़ता।सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को भी राहतसेमीकंडक्टर बनाने वाली मशीनों को भी नए टैरिफ से छूट मिली है, जो चिप इंडस्ट्री के लिए एक और अच्छी खबर है। इससे Taiwan Semiconductor Manufacturing Co जैसी बड़ी कंपनियों को फायदा होगा, जो अमेरिका में निवेश कर रही हैं, साथ ही अन्य चिप निर्माताओं को भी राहत मिलेगी।हालांकि टेक इंडस्ट्री के लिए रास्ता पूरी तरह आसान नहीं है। चर्चा है कि सरकार भविष्य में कुछ खास टेक प्रोडक्ट्स के लिए अलग-अलग टैरिफ ला सकती है। लेकिन फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक्स पर 10% टैरिफ बनाए रखने का फैसला ऐपल और उसके ग्राहकों के लिए बड़ी राहत है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने कीमतें बढ़ने के डर से पहले ही अपने गैजेट्स खरीद लिए थे।यह भी पढ़ें : रेसिप्रोकल टैरिफ से स्मार्टफोन बाहर, क्या मैन्युफैक्चरिंग में चीन का दबदबा ट्रंप के गुस्से पर पड़ा भारी?
