Muhurram Vacation: भारत में इस साल मुहर्रम 6 या 7 जुलाई को कब मनाया जाएगा? ये अभी तय नहीं हुआ है क्योंकि मुहर्रम की तारीख चांद दिखाई देने के आधार पर तय होगी। फिलहाल 6 जुलाई को आधिकारिक तारीख के रूप मुहर्रम की छुट्टी दी हुई है। 6 जुलाई को रविवार है। अगर रविवार को मुहर्रम होगा तो कोई छुट्टी अलग से नहीं मिलेगी। यानी, कोई सरकारी दफ्तर या स्कूल बंद नहीं होगा। अगर 7 जुलाई को मुहर्रम होता है तो सभी जगह छुट्टी होगी।क्या होता है मुहर्रम मेंमुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है और इस महीने की शुरुआत के साथ इस्लामिक नए साल की शुरुआत होती है। यह दिन खास तौर पर शिया मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक रूप से बेहद जरूरी होता है।संबंधित खबरेंमुहर्रम के दिन बंद रहेंगे स्कूल और दफ्तरमुहर्रम के दिन केंद्र और राज्य सरकार के अधिकतर दफ्तर, स्कूल, कॉलेज, डाकघर और कई प्राइवेट ऑफिस बंद रहेंगे। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे मुस्लिम आबादी वाले राज्यों में इसे लेकर जल्द ही आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। हालांकि, अगर मुहर्रम 6 जुलाई रविवार के दिन होता है तो इसके लिए अलग से छुट्टी नहीं मिलेगी। अगर मुहर्रम 7 जुलाई को होता है तो सभी जगह छुट्टी होगी।बंद रहेंगे बैंकदेशभर के बैंक मुहर्रम के दिन बंद रहेंगे। अगर 7 जुलाई को मुहर्रम होता है तो बैंक बंद रहेंगे। तब आम लोगों को बैंक से जुड़े काम करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में आम जनता को सलाह दी जाती है कि बैंक से जुड़े कामों को निपटाने के लिए पहले या बाद में निपटा लें।शेयर बाजार भी रहेगा बंदमुहर्रम के मौके पर भारत के प्रमुख शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में कोई कारोबार नहीं होगा। सभी सेगमेंट जैसे इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स, करेंसी और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स के साथ-साथ सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) प्लेटफॉर्म भी बंद रहेगा। अगर मुहर्रम की छुट्टी 7 जुलाई को होती है तो शेयर मार्केट बंद रहेगा।मुहर्रम का धार्मिक महत्वमुहर्रम इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने की 10वीं तारीख को आशूरा कहा जाता है, जो इस्लामिक इतिहास की एक बेहद दुखद घटना की याद दिलाती है। इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन को 680 ईस्वी में करबला की जंग में शहीद कर दिया गया था। इस दिन शिया मुस्लिम समुदाय विशेष रूप से मातमी जुलूस निकालते हैं, इबादत करते हैं और मजलिसों का आयोजन करते हैं। देशभर में इस दिन को गम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
