50 साल बाद कितनी रह जाएगी ₹1 करोड़ की वैल्यू, क्या है महंगाई की मार से बचने का तरीका?


50 साल बाद कितनी रह जाएगी ₹1 करोड़ की वैल्यू, क्या है महंगाई की मार से बचने का तरीका?
Inflation Calculator: अगर आज आपके पास 1 करोड़ रुपये हैं, तो ये बड़ी रकम लग सकती है। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि यही 1 करोड़ रुपये 10, 20 या 50 साल बाद कितनी वैल्यू रखेंगे? महंगाई (Inflation) हर साल आपकी खरीदने की ताकत को धीरे-धीरे कम कर देती है। अगर इस असर को समय रहते समझा न गया, तो रिटायरमेंट या बच्चों की शिक्षा जैसे बड़े फाइनेंशियल गोल्स पर बुरा असर पड़ सकता है।महंगाई कैसे कम करती है पैसे की ताकत?अब मान लीजिए, आज किसी चीज की कीमत ₹100 है, और महंगाई दर 6% है। तो अगले साल वह चीज ₹106 की हो जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आपने ₹100 अपने अलमारी रख दिए हैं, तो 1 साल बाद आप उससे वह चीज नहीं खरीद पाएंगे। आपको अतिरिक्त ₹6 का इंतजाम करना होगासंबंधित खबरेंयही वजह है कि फाइनेंशियल एक्सपर्ट लॉन्ग टर्म गोल्स की प्लानिंग के वक्त सिर्फ बचत नहीं, रियल वैल्यू को बनाए रखने और बढ़ाने को बेहद जरूरी बताते हैं।1 करोड़ की वैल्यू कितनी घटेगी?अगर आज आपके पास एक करोड़ रुपये हैं, तो 10 साल बाद कितनी रह जाएगी। यह काफी दिलचस्प सवाल है और इसका जवाब निर्भर करता है, महंगाई दर पर। हमने नीचे दी गई टेबल में 4%, 5% और 6% वार्षिक महंगाई दर मानकर देखा है कि 10, 20, 30, 40 और 50 साल बाद ₹1 करोड़ की आज की वैल्यू कितनी रह जाएगी: समयावधि 4% महंगाई 5% महंगाई 6% महंगाई 10 साल ₹67.56 लाख ₹61.39 लाख ₹55.84 लाख 20 साल ₹45.57 लाख ₹37.69 लाख ₹31.18 लाख 30 साल ₹30.73 लाख ₹23.15 लाख ₹17.41 लाख 40 साल ₹20.72 लाख ₹14.21 लाख ₹9.72 लाख 50 साल ₹13.96 लाख ₹8.72 लाख ₹5.43 लाख (नोट: यह डेटा- कंपाउंड डिस्काउंटिंग फॉर्मूला: Future Worth = Current Worth / (1+inflation price)^n से निकाला गया है)अगर महंगाई दर 6% बनी रही, तो 50 साल बाद 1 करोड़ रुपये की वैल्यू सिर्फ ₹5.43 लाख रह जाएगी। यानी आज जो 1 करोड़ में आप एक आलीशान घर खरीद सकते हैं, उतनी रकम से तब शायद सिर्फ एंट्री लेवल की कार ही आ पाए।क्या करें ताकि पैसे की रियल वैल्यू बनी रहे? बचत नहीं, निवेश करें: फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी परंपरागत स्कीमें 5-6% रिटर्न देती हैं, जो महंगाई के बराबर भी नहीं होता। इससे आपके पैसे की रियल वैल्यू घटती है। इसलिए महंगाई दर से अधिक रिटर्न देने वाली संपत्ति में निवेश करें। इक्विटी में लॉन्ग टर्म निवेश: स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड में SIP जैसी योजनाएं 10-12% रिटर्न दे सकती हैं, जो महंगाई को हराने के लिए जरूरी है। हालांकि, इनमें निवेश पर जोखिम भी रहता है, इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूरी है। गोल आधारित प्लानिंग: शॉर्ट टर्म गोल्स (जैसे कार खरीदना) के लिए FD जैसे माध्यमों में निवेश कर सकते हैं, जहां रिटर्न भले कम रहे, लेकिन पैसा सेफ रहता है। वहीं, लॉन्ग टर्म गोल्स (रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई) के लिए एग्रेसिव पोर्टफोलियो बनाएं। यानी उन एसेट में पैसा लगाएं, जो थोड़े जोखिम के साथ अधिक रिटर्न देती हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड एसआईपी। इंफ्लेशन-लिंक्ड रिटर्न को समझें: आपको Actual Return = Nominal Return – Inflation फॉर्मूला समझना बेहद जरूरी है। यानी अगर आपकी FD का रिटर्न 6% है और महंगाई भी 6% है, तो आपकी रियल ग्रोथ 0% है। पैसे की वैल्यू बढ़ाने का इंतजाम करना जरूरीफाइनेंशियल एडवाइजर संदीप गुप्ता का कहना है, “बहुत से लोग सोचते हैं कि 1 करोड़ काफी है। लेकिन अगर वह रकम 30 साल बाद की जरूरत के लिए है, तो आपको उसकी रियल वैल्यू बढ़ाने के लिए काम करना होगा।” वहीं, मनी प्लानिंग कोच अन्विता शर्मा कहती हैं,”पैसा कितना है, इससे ज्यादा जरूरी है कि वह बढ़कर महंगाई को पछाड़ रहा है या नहीं। यही लॉन्ग टर्म वेल्थ का असली फॉर्मूला है।”इसका मतलब साफ है कि महंगाई चुपचाप हमारे पैसे की वैल्यू को खाती है। अगर आप सिर्फ बचत कर रहे हैं और निवेश नहीं, तो आपकी मेहनत की कमाई धीरे-धीरे दम तोड़ देगी। 1 करोड़ की रकम तब भी बड़ी लगेगी, जब उसकी वैल्यू भी बड़ी बनी रहे। इसलिए अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को महंगाई के खिलाफ मजबूत बनाना जरूरी है।यह भी पढ़ें : Capital Positive aspects Tax: शेयर, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट पर कैसे लगता है टैक्स? समझिए पूरा कैलकुलेशन

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