Private Mortgage Rejection: जब आपका पर्सनल लोन आवेदन रिजेक्ट हो जाता है, तो अक्सर ऐसा लगता है जैसे कोई दरवाजा बंद हो गया हो और आगे कोई रास्ता नहीं बचा। लेकिन लोन रिजेक्ट होना आम बात है और इससे घबराना नहीं चाहिए। इसे समझना और सही कदम उठाना ज्यादा जरूरी होता है।सबसे पहले शांत हो जाइए और सोचिएजब आपका लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट हो, तो पहला काम है खुद को शांत रखना। घबराहट में कोई फैसला न लें। रिजेक्शन का मतलब यह नहीं कि अब आपको कोई मौका नहीं मिलेगा। कई बार ये सिर्फ एक अस्थायी रुकावट होती है, जिसे आप सही प्लानिंग से पार कर सकते हैं।संबंधित खबरेंरिजेक्शन का कारण जानना जरूरी हैहर रिजेक्शन के पीछे कोई न कोई वजह होती है। इसलिए अपने लोन देने वाले बैंक या संस्था से संपर्क करें और लिखित में अस्वीकृति का कारण मांगें। आमतौर पर ये वजहें हो सकती हैं – कम क्रेडिट स्कोर, कम इनकम, ज्यादा कर्ज होना, नौकरी में स्थिरता का अभाव या दस्तावेजों में कोई गलती। कारण समझकर आप अपनी कमजोरी दूर कर सकते हैं।अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करेंक्रेडिट रिपोर्ट में अक्सर गलतियां या पुरानी जानकारी हो सकती है, जो आपकी लोन मंजूरी को प्रभावित करती हैं। इसलिए फ्री में उपलब्ध अपनी क्रेडिट रिपोर्ट निकालें और ध्यान से जांच करें। अगर कोई गलती मिले, तो उसे तुरंत सुधारवाएं। अच्छी क्रेडिट रिपोर्ट (750 से ऊपर) होने से आपकी मंजूरी के चांस बढ़ जाते हैं।कर्ज और आय का संतुलन बनाए रखेंअगर आपके ऊपर पहले से बहुत सारा कर्ज है और आपकी आय कम है, तो यह उधारदाताओं के लिए चिंता की बात होती है। कोशिश करें कि आपका कुल कर्ज आपकी आय का 40% से ज्यादा न हो। जरूरत हो तो पुराने कर्ज चुकाएं और एक साथ कई लोन के लिए आवेदन करने से बचें। अपनी आय बढ़ाने के उपाय भी सोचें, जैसे पार्ट टाइम जॉब या फ्रीलांस काम।अपना आवेदन मजबूत बनाएंलोन के लिए फिर से आवेदन करने से पहले कुछ जरूरी बातें याद रखें। अपनी नौकरी में कम से कम छह महीने तक बने रहें ताकि स्थिरता दिखा सकें। दस्तावेज सही और पूरे भरें। अगर संभव हो तो लोन की रकम कम करें या भुगतान अवधि बढ़ाएं, ताकि बैंक के लिए आपकी सूरत बेहतर लगे।बैंक के अलावा अन्य विकल्प भी देखेंअगर बैंक से लोन नहीं मिल रहा, तो एनबीएफसी (Non-Banking Monetary Firms) या P2P लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स को भी देखें। ये जगह थोड़े ढीले नियमों से लोन देती हैं। साथ ही, आप संपत्ति जैसे रियल एस्टेट, इंश्योरेंस या फिक्स्ड डिपॉजिट के आधार पर भी लोन ले सकते हैं। बस ध्यान रखें कि ब्याज दरें और शर्तें साफ हों।धैर्य रखें और समय के साथ सुधार करेंकभी-कभी समय ही सबसे बड़ा साथी होता है। इस दौरान आप अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सुधारें, पुराने कर्ज चुकाएं और इमरजेंसी सेविंग्स बनाएं। तीन से छह महीने बाद ही दोबारा आवेदन करें ताकि बार-बार आवेदन करने से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर बुरा असर न पड़े।पेशेवर सलाह लेने में हिचकिचाएं नहींअगर आपको समझ न आ रहा हो कि कहां गलती हो रही है, तो वित्तीय सलाहकार से मिलें। वे आपकी वित्तीय स्थिति को बेहतर समझकर आपको सही दिशा दिखा सकते हैं। साथ ही, वे यह भी बता सकते हैं कि कौन से दस्तावेज या जानकारी जरूरी है, जिससे आपके लोन मंजूर होने की संभावना बढ़ जाए।यह भी पढ़ें : Mortgage Default: पर्सनल लोन की किस्त चूकने पर क्या होगा, क्रेडिट रिपोर्ट में कब तक दिखेगा असर?
