भारत का पर्सनल लोन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इंस्टेंट लोन ऐप्स की बढ़ती संख्या के चलते लोन ऑफर एक्सेस करना लोगों के लिए बहुत आसान हो गया है. इस बीच फ्लैक्सिबिलिटी और आसान एप्लीकेशन प्रोसेस के चलते लोग दूसरे लोन ऑप्शंस की तुलना में पर्सनल लोन को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. दरअसल, पर्सनल लोन का पैसा आप अपनी इच्छा के मुताबिक कहीं भी खर्च कर सकते हैं. पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते समय दो फैक्टर्स अहम भूमिका निभाते हैं. इनमें इनकम और क्रेडिट स्कोर शामिल हैं.हालांकि, पर्सनल लोन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, नियम और शर्तें लेंडर के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन ज्यादातर देखा गया है कि एप्लिकेंट की स्टेबल इनकम और हाई क्रेडिट स्कोर को ज्यादा तवज्जो दी जाती है.ये सच है कि क्रेडिट स्कोर पर्सनल लोन लेने के लिए सबसे जरूरी फैक्टर है, लेकिन कम क्रेडिट स्कोर वाले लोग भी अक्सर पर्सनल लोन लेने के बारे में सोचते हैं. अब सवाल यह है कि क्या कम क्रेडिट स्कोर होने पर आपको पर्सनल लोन मिल सकता है? भारत में पर्सनल लोन लेने के लिए कम से कम क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए. आइए इस आर्टिकल में इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं, लेकिन उससे पहले बताते हैं कि क्रेडिट स्कोर क्या होता है.क्रेडिट स्कोर क्या है?क्रेडिट स्कोर तीन डिजिट्स का एक नंबर होता है, जिससे आपकी फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में पता चलता है. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 तक होता है. क्रेडिट स्कोर बैंकों को बताता है कि आप अपने कर्ज समय पर चुकाते हैं या नहीं. आपका क्रेडिट या CIBIL स्कोर लोन एप्लीकेशन मंजूर कराने में खास भूमिका निभाता है.आप कई प्लेटफॉर्म पर अपना क्रेडिट स्कोर फ्री में देख सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट पर आप बिना किसी फीस के अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं. इसके जरिए आप 8 लेंडर्स से 50 लाख रुपए तक के पर्सनल लोन के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं. मनीकंट्रोल पर्सनल लोन के लिए 100% पेपरलेस प्रोसेस ऑफर करता है और यहां ब्याज दरें 10.5% सालाना से शुरू होती है.पर्सनल लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर क्यों इतना मायने रखता है?आपका क्रेडिट स्कोर यह तय करने में अहम भूमिका निभाता है कि आपकी पर्सनल लोन एप्लीकेशन मंजूर होगी या नहीं. चलिए जानते हैं, क्रेडिट स्कोर इतना जरूरी क्यों होता है: लेंडर्स के लिए रिस्क असेसमेंट: आपका क्रेडिट स्कोर लेंडर्स को यह समझने में मदद करता है कि आप लोन चुकाने की संभावना रखते हैं या नहीं. हाई क्रेडिट स्कोर समय पर किए गए पेमेंट को दर्शाता है और इसलिए डिफॉल्ट का रिस्क कम होता है. इस वजह से पर्सनल लोन अप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है. लोन रीपेमेंट इंटरेस्ट: अगर आपका क्रेडिट स्कोर ज्यादा है, तो संभावना है कि आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन ऑफर किया जा सकता है. वहीं अगर क्रेडिट स्कोर कम होगा तो पूरी बाजी पलट सकती है क्योंकि लेंडर्स के लिए रिस्क बढ़ जाता है. लोन अमाउंट: हाई क्रेडिट स्कोर होने पर ज्यादा अमाउंट का लोन भी अप्रूव हो जाता है क्योंकि लेंडर्स को भरोसा होता है कि उनका पैसा डूबेगा नहीं. लोन टेन्योर: एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको बेहतर शर्तों पर लोन दिलाने में मदद करता है, जैसे लंबा टेन्योर और कम ब्याज दरें. ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएंभारत में पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट स्कोर कम से कम कितना होना चाहिए?भारत में पर्सनल लोन के लिए सबसे कम क्रेडिट स्कोर हर बैंक में अलग-अलग हो सकता है. हालांकि, भारत के ज्यादातर लेंडर्स 700 या उससे ज्यादा का क्रेडिट स्कोर होने पर पर्सनल लोन देते हैं. बेहतर पर्सनल लोन ऑफर पाने के लिए क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर होना चाहिए.हालांकि, कुछ बैंक 700 से भी कम क्रेडिट स्कोर पर पर्सनल लोन देते है, लेकिन ऐसे में ब्याज दरें बहुत ज्यादा होने की संभावना होती है. आपका क्रेडिट स्कोर जितना कम होगा, ब्याज दरें उतनी ही ज्यादा होगी. आपको लोन टेन्योर और लोन अमाउंट के मामले में भी कोई फायदा नहीं मिलेगा.मनीकंट्रोल आपको 50 लाख रुपए तक के 100% डिजिटल इंस्टेंट लोन ऑफर करने के लिए 8 लेंडर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है. सिर्फ तीन स्टेप में आपको लोन मिल सकता है- डिटेल एंटर करें, KYC प्रोसेस पूरा करें और EMI टेन्योर सेट करें. आपके एम्प्लॉयमेंट स्टेटस के आधार पर ब्याज दरें 10.5% सालाना से शुरू होती हैं.अपना क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें? समय पर पेमेंट करें: क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका समय पर अपनी EMI का पेमेंट करना है. नई क्रेडिट एप्लीकेशन को कम करें: अगर आप एक समय में कई क्रेडिट के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर के बारे में ज्यादा पूछताछ करेंगे, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. अपने क्रेडिट स्कोर को मॉनिटर करें: अपना क्रेडिट स्कोर बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर इसे चेक करना जरूरी है. इस पर रेग्युलरली नजर रखें, लेकिन इसे जल्दी-जल्दी चेक करने से बचें, क्योंकि इससे आपके स्कोर पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ सकता है. क्रेडिट यूटिलाइजेशन को कम रखें: कम क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बनाए रखना आपके क्रेडिट स्कोर पर पॉजिटिव इम्पैक्ट डाल सकता है. अपने उपलब्ध क्रेडिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें. सारांशक्या कम क्रेडिट स्कोर होने पर भी पर्सनल लोन मिल सकता है? भारत में पर्सनल लोन लेने के लिए कितना होना चाहिए क्रेडिट स्कोर. इसके साथ ही जानिए बेहतर लोन ऑफर और कम ब्याज दरों के लिए अपने स्कोर को बेहतर बनाने के टिप्स.High बैंकों/ NBFCs से₹50 लाखतक का इंस्टेंट लोन पाएंDisclaimerयह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।लेखक के बारे मेंfintechक्रेडिट कार्ड, क्रेडिट स्कोर, पर्सनल लोन, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जैसे व्यक्तिगत वित्त उत्पादों के बारे में और जानेंयदि आपको लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें
