ट्रंप के टैरिफ का शेयरों, डेट और गोल्ड में आपके निवेश पर कितना असर पड़ेगा?


ट्रंप के टैरिफ का शेयरों, डेट और गोल्ड में आपके निवेश पर कितना असर पड़ेगा?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रोग्राम में रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने भारत सहित दुनिया के 180 देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इंडिया पर उन्होने 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। हालांकि, यह चीन पर 34 फीसदी टैरिफ से कम है, लेकिन इसका इंडियन कंपनियों पर असर पड़ना तय है। अगर कंपनियों के रेवेन्यू पर किसी तरह का असर पड़ता है तो उनके शेयरों पर भी इसका असर दिखेगा। रेसिप्रोकल टैरिफ का असर बॉन्ड्स मार्केट पर भी दिखा। उधर, गोल्ड की कीमतों में उछाल आया।इंडियन कंपनियों के रेवेन्यू पर पड़ सकता है असरएक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया पर 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) से इंडियन कंपनियों के प्रोडक्ट्स की मांग अमेरिकी मार्केट में घट सकती है। इसकी वजह यह है कि इंडियन प्रोडक्ट्स महंगे होने से अमेरिकी ग्राहकों की दिलचस्पी उन्हें खरीदने में घटेगी। एडललाइज के त्रिदीप भट्टाचार्य ने कहा कि अगर दूसरे एशियाई देशों से तुलना की जाए तो इंडियन प्रोडक्ट्स पर कम ड्यूटी लगेगी। इसका फायदा इंडियन प्रोडक्ट्स को हो सकता है। लेकिन, अगर महंगाई बढ़ने के चलते अमेरिका में कंजम्प्शन घटता है तो उसका असर इंडियन कंपनियों के बिजनेस पर पड़ना तय है।संबंधित खबरेंनिवेशकों को इंतजार करने के बाद ही नया निवेश करना चाहिएस्टॉककार्ट के सीईओ प्रणय अग्रवाल ने कहा कि निवेशकों को यह देखना होगा कि दूसरे देश रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में क्या कदम उठाते हैं। इसकी संभावना है कि बातचीत के बाद ट्रंप इंडियन कंपनियों को टैरिफ से कुछ राहत दे सकते हैं। इस बीच, एफएमसीजी जैसे डिफेंसिव सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। ऑटो और मेटल जैसे साइक्लिकल सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। अभी निवेशकों को निवेश करने में सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्हें यह देखना होगा कि आगे रेसिप्रोकल टैरिफ का कितना असर पड़ने जा रहा है।आरबीआई ने रेपो रेट घटाया तो बॉन्ड की चमक बढ़ेगीजहां तक डेट में निवेशकों के निवेश का सवाल है तो आरबीआई 9 अप्रैल को रेपो रेट घटाने का ऐलान कर सकता है। वह फरवरी में रेपो रेट एक चौथाई फीसदी घटा चुका है। इंटरेस्ट रेट में जब कमी की साइकिल शुरू होती है तो डेट म्यूचुअल फंडों को फायदा होता है। बॉन्ड की कीमतों और इंटरेस्ट रेट के बीच विपरीत संबंध है। इंटरेस्ट बढ़ने पर बॉन्ड की चमक घटती है, जबकि इंटरेस्ट रेट घटने पर बॉन्ड की चमक बढ़ती है। इससे म्यूचुअल फंड की बॉन्ड स्कीम में निवेश करने वाले इनवेस्टर्स को फायदा हो सकता है।यह भी पढ़ें: RBI 9 अप्रैल को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है, जानिए इसकी वजहगोल्ड में तेजी जारी रहने के आसारगोल्ड की कीमतें पहले से रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रही थी। 3 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ लगने का असर गोल्ड पर देखन को मिला। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में गोल्ड ने उंचाई का नया रिकॉर्ड बना दिया। इस साल के तीन महीनों में गोल्ड का रिटर्न 20 फीसदी रहा है। अगर रेसिप्रोकल टैरिफ से दुनिया में व्यापार युद्ध बढ़ता है तो गोल्ड की चमक भी बढ़ेगी। निवेशकों को गोल्ड में अपने निवेश को बनाए रखना चाहिए। अगर उनके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी कम है तो उसे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि उथलपुथल बढ़ने पर गोल्ड में तेजी जारी रहेगी।

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