अगर आपने अब तक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं ली है तो जल्द ले लेने में फायदा है। आपको टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए। टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का मतलब ऐसी पॉलिसी से है, जिसमें डेथ बेनेफिट होता है। अगर पॉलिसी मैच्योर करने से पहले पॉलिसीहोल्डर की मौत हो जाती है तो उसके परिवार (नॉमिनी) को इंश्योरेंस का पैसा मिल जाता है। ज्यादा कवर वाली टर्म पॉलिसी लेनी चाहिए। इससे पॉलिसीहोल्डर की मौत पर जो पैसा मिलता है वह परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त होता है।एक्सिडेंटल डेथ और डिसएबलमेंट बेनेफिटअगर आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ एक्सिडेंटल डेथ और डिसएबलमेंट बेनेफिट का राइडर लेते हैं तो एक्सिडेंट की वजह से मौत होने पर इंश्योरेंस का अतिरिक्त पैसा परिवार को मिल जाता है। हर साल देश में 1.7 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है। डिसएबलमेंट बेनेफिट से दिव्यांगता की स्थिति में इंश्योरेंस का पैसा पॉलिसीहोल्डर को मिल जाता है। यह राइडर उन लोगों के लिए खासकर जरूरी है जिनकी नौकरी ऐसे सेक्टर में है, जो रिस्की माने जाते हैं।क्रिटिकल इलनेससंबंधित खबरेंइस राइडर का फायदा यह है कि अगर पॉलिसीहोल्ड को कैंसर, दिल की बीमारी या स्ट्रोक जैसी कोई गंभीर बीमारी होती है तो उसे इंश्योरेंस का पैसा मिल जाता है। इससे इलाज में मदद मिलती है।चूंकि इन बीमारियों के इलाज पर काफी ज्यादा खर्च आता है, जिससे इस राइडर की अहमियत बढ़ जाती है। इससे पॉलिसीहोल्डर के बीमार पड़ने पर उसकी सेविंग्स के पैसे इलाज पर खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह राइडर खासकर उन लोगों के लिए जरूरी है जिनकी फैमिली हिस्ट्री में गंभीर बीमारियों के मामले रहे हैं।यह भी पढ़ें: Banking Sector Evaluation: बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद, इन बैंकिंग स्टॉक्स में निवेश का मौकाप्रीमियम वेबरयह राइडर बहुत काम का है। इससे पॉलिसी तब भी एक्टिव बनी रहती है जब पॉलिसीहोल्डर गंभीर रूप से बीमार होने या दिव्यांगता की वजह से पॉलिसी का प्रीमियम चुकाने में असमर्थ हो जाता है। अगर पॉलिसीहोल्डर स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है या उसे गंभीर बीमारी हो जाती है तो उसे प्रीमियम चुकाने की जरूरत नहीं रह जाती है। प्रीमियम चुकाए बगैर पॉलिसी एक्टिव बनी रहती है। पॉलिसीहोल्डर को उसके कवरेज का फायदा मिलता रहता है।
