ग्रैच्युटी से लेकर विकास तक: रिटायरमेंट के बाद म्युचुअल फंड से करें अपनी नियमित आय


ग्रैच्युटी से लेकर विकास तक: रिटायरमेंट के बाद म्युचुअल फंड से करें अपनी नियमित आय
रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी बहुत खास होती है। इसमें मन की शांति, नियमित आय और ज़िंदगी भर की मेहनत से बचाए पैसों की सुरक्षा बहुत ज़रूरी है। आज निवेश के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। अपनी मेहनत की कमाई से मिले ग्रैच्युटी या रिटायरमेंट फंड को कहीं निवेश करने का फ़ैसला बहुत सोच-समजकर लेना होता है। रिटायर लोगों के लिए नियमित आय के लिए म्युचुअल फंड में निवेश एक व्यावहारिक, भरोसेमंद और आसान उपाय है। यह “Nivesh ka Sahi Kadam” है और “Mutual Funds Sahi Hai” पर भी पूरी तरह से सटीक बैठता है।नियमित आय वाले म्युचुअल फंड कौन से होते हैं?नियमित आय वाले (फिक्स्ड इनकम) म्युचुअल फंड को डेट फंड के रूप में भी जाना जाता है। इसमें अमूमन सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, डिबेंचर और मनी मार्केट सिक्योरिटी जैसे बॉन्ड शामिल होते हैं, जिन पर निवेश के बदले ब्याज़ मिलता है। इन फंड का मुख्य उद्देश्य इक्विटी निवेश से जुड़ी अस्थिरता को कम करना और नियमित आय के साथ निवेश के पैसों को सुरक्षित रखना होता है। फंड मैनेजर निवेश के लिए इन बॉन्ड का चुनाव और प्रबंधन देखते हैं। इस निवेश में फोकस बेहतर और स्थिर रिटर्न के साथ जोखिम को सीमित करने पर होता है।संबंधित खबरेंनियमित आय वाले म्युचुअल फंड रिटायरमेंट प्लान के लिए क्यों सही हैंस्थिर और अनुमान के मुताबिक रिटर्नइन फंड पर नियमित तौर पर ब्याज़ मिलता है, जिससे आय होती रहती है। रिटायर लोगों के लिए नियमित आय एक आदर्श स्थिति है, क्योंकि उन्हें अपने ज़रूरी खर्चे, स्वास्थ्य सेवा और छुट्टियों समेत दूसरी ज़रूरतों के लिए पैसों की ज़रूरत होती रहती है।पैसे सुरक्षित रहते हैंपारंपरिक निवेश में यकीन रखने वाले ऐसे निवेशक जो ज़्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, उनके लिए नियमित आय वाले म्युचुअल फंड बेहतरीन विकल्प होते हैं।लिक्विडिटी और सुविधाजनकफ़िक्स डिपॉजिट और लंबे समय के लिए बचत योजनाओं में निवेश के पुराने तरीकों की तुलना में नियमित आय वाले फंड की लिक्विडिटी (तरलता) ज़्यादा होती है। आप अपने पैसों को ज़रूरत के मुताबिक आसानी से निकाल सकते हैं। लंबी लॉक इन अवधि की बचत योजनाओं की तरह यहां प्रक्रिया लंबी और जटिल नहीं होती है।ये फंड आपके पैसों को अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करते हैं। इससे जोखिम कम होता है, क्योंकि किसी एक घटना या बाज़ार में आए उतार-चढ़ाव का असर आपके पूरे पैसों पर नहीं पड़ेगा।पेशेवर प्रबंधनअनुभवी फंड मैनेजर बाज़ार के रुझान, ब्याज़ दरों और क्रेडिट गुणवत्ता जैसे पहलुओं पर नज़र रखते हैं। इससे आप कम से कम जोखिम उठाते हुए ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न पा सकते हैं। इसकी वज़ह है कि आपके पास सही जानकारी होती है और आप सटीक फ़ैसले ले सकते हैं।पैसों के तेज़ी से बढ़ने की संभावनाइस निवेश में फ़ोकस मुख्य रूप से नियमित आय पर होती है, लेकिन आपके पास अपने पैसों को बढ़ाने का मौका होता है। जब ब्याज़ दरें गिरती हैं और बॉन्ड की कीमतें बढ़ती हैं, तो आपके रिटायरमेंट फंड में थोड़े और पैसे जुड़ जाते हैं।नियमित आय वाले फंड से रिटायर लोगों को कौन से फ़ायदे मिलते हैं1. सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP): रिटायर नागरिक निश्चित अंतराल पर एक तय राशि पाने के लिए SWPs शुरू कर सकते हैं। यह पेंशन योजना की तरह है, जिसमें नियमित आय का आप पहले से अनुमान लगा सकते हैं। साथ ही, आपकी निवेश की हुई राशि भी लगातार बढ़ती रहती है।ज़्यादा जानकारी के लिए पढ़ें2. कई तरह के फंड विकल्प: आप अपनी ज़रूरत, समय और जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक फंड का चयन कर सकते हैं। जैसे कि शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म या फिर लॉन्ग टर्म के लिए डेट फंड।3. टैक्स छूट: कुछ नियमित आय वाले फंड ऐसे होते हैं, जिन पर लंबे समय के लिए लगाए पैसों में मिले लाभ पर कर छूट मिलता है। इस सुविधा की वज़ह से पारंपरिक बचत योजनाओं की तुलना में ये आकर्षक विकल्प हैं।पूरी जानकारी के साथ सही फ़ैसले ले सकते हैंनियमित आय वाले म्युचुअल फंड में अपनी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली ग्रैच्युटी का निवेश करना सुरक्षित विकल्प है। यह नियमित आय के साथ निवेश का बेहद लचीला तरीका भी है। अपने पैसे को लंबे समय के लिए लॉक-इन पीरियड में डालने या बाज़ार के उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए छोड़ देने की तुलना में ये फंड आपको पूरे आत्मविश्वास और निवेश पर नियंत्रण बनाए रखकर रिटायरमेंट का आनंद लेने की सुविधा देते हैं।रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी में नियमित आय के साथ पैसे बढ़ाते हुए बैलेंस कैसे बना सकते हैं, इस बारे में और जानना चाहते हैं? अपने रिटायरमेंट फंड के बारे में आसान और व्यावहारिक इस्तेमाल के बारे में जानने के लिए सुब्बू (Subbu’s) का वीडियो देखें।ज्यादा जानकारी के लिए यहां देखें:डिसक्लेमर: म्युचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन है। निवेश का फ़ैसला लेने से पहले स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें। किसी फंड का अतीत में किया प्रदर्शन भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं है।

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