क्या सालाना 10 लाख रुपये रेंट के लिए 4.8 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीदना समझदारी है?


क्या सालाना 10 लाख रुपये रेंट के लिए 4.8 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीदना समझदारी है?
पिछले 2-3 सालों में प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान में पहुंच गई हैं। दिल्ली और मुंबई में 2 बीएचके या 3 बीएचके फ्लैट्स की कीमत करोड़ से ऊपर है। सवाल है कि क्या इतने महंगे फ्लैट्स खरीदना समझदारी है? मनीधन डॉट कॉम के फाउंडर और सेबी-रजिस्टर्ड एडवाइजर सुजीत एस एस के एक लिंक्डइन पोस्ट से इस मसले पर नई बहस शुरू हो गई है। कुछ लोगों ने उनके इस पोस्ट की तारीफ की है तो कुछ इसके खिलाफ में दिखे हैं। आखिर वायरल हो चुके इस पोस्ट में सुजीत ने क्या लिखा है?पीई रेशियो से एसेट की वैल्यूएशन का पता चलता हैसुजीत के एक फ्लैट खरीदने और एक स्टॉक खरीदने की तुलना की है। उन्होंने यूजर्स से पूछा है कि मान लीजिए आप 4.8 करोड़ रुपये का एक फ्लैट खरीदते हैं जिससे किराए के रूप में आपको सालाना 10 रुपये की आमदनी हो सकती है। इस आधार पर इसका पीई रेशियो 48 आता है। इसका मतलब है कि आपको किराए की इनकम से फ्लैट की कॉस्ट रिकवर करने में 48 साल का समय लगेगा। इस कैलकुलेशन में यह माना गया है कि फ्लैट का किराया स्थिर रहता है।संबंधित खबरेंज्यादा वैल्यूएशन तो कॉस्ट रिकवर करने में ज्यादा टाइमउन्होंने लिखा है कि कई लोग इस फ्लैट के लिए 2 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार नहीं होंगे। अगर कीमत 2 करोड़ मान ली जाए और रेंट में बदलाव नहीं किया जाए तो इसका पीई 20 आएगा। पीई रेशियो से यह पता लगता है कि एसेट से होने वाली इनकम के लिहाज से कोई प्रॉपर्टी सस्ता है या महंगा है। सुजीत इसकी तुलना ऐसे स्टॉक को खरीदने से करते हैं जिसकी कीमत 480 रुपये है और जिससे सालाना 10 रुपये प्रति 10 शेयर होगी। इस तरह इसका पीई 48 आता है। अगर कंपनी की अर्निंग्स जल्द नहीं बढ़ती है तो इनवेस्टर को स्टॉक की कॉस्ट रिकवर करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।फ्लैट हो या स्टॉक उसकी वैल्यूएशन सबसे अहम हैइस उदाहरण की मदद से सुजीत ने यह समझाने की कोशिश की है कि आप चाहे फ्लैट खरीदें या स्टॉक खरीदें, उसकी वैल्यूएशन काफी मायने रखती है। कुछ यूजर्स ने सुजीत के इस उदाहरण पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा है कि आप फ्लैट रहने के लिए भी खरीदते हैं न कि सिर्फ इनवेस्टमेंट के लिए। सच चाहे जो भी हो, यह तय है कि सुजीत के इस पोस्ट से किसी एसेट की वैल्यूएशन सबसे ज्यादा मायने रखती हैं।

Supply hyperlink

Leave a Comment