आप जिस फ्लैट में कई सालों से रह रहे हैं, उसे गिराने के लिए कोर्ट का नोटिस आए तो आपको कैसा लगेगा? मुंबई के नवनीत शर्मा के साथ ऐसा हुआ है। उन्होंने करीब 7-8 साल पहले यह फ्लैट खरीदा था। उनकी जिंदगी ठीक चल रही थी। लेकिन, कोर्ट के नोटिस में लिखी बातें पढ़ने के बाद उनके पैरो तले जमीन खिसक गई। नोटिस में कहा गया था कि यह फ्लैट अवैध है, क्योंकि इसका कंस्ट्रक्शन अनअथॉराइज्ड तरीके से हुआ है। शर्मा अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिनके साथ ऐसा हुआ है।फ्लैट खरीदने के लिए व्यक्ति अपना सबकुछ लगा देता हैसिर्फ मुंबई के नालासोपाड़ा में नवंबर 2024 में 40 अवैध इमारतों को गिरा दिया गया। सवाल है कि फ्लैट खरीदने के लिए व्यक्ति अपना सबकुछ लगा देता है। वह अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल डाउनपेमेंट के लिए करता है। फिर हर महीने सैलरी या इनकम का बड़ा हिस्सा EMI में चला जाता है। इसके बदले उसे सिर्फ अपने घर में रहने का अहसास मिलता है। इसी के लिए वह बड़ी से बड़ी मुश्किल उठाने को तैयार रहता है। लेकिन, जब उसे पता चले कि उसका फ्लैट गिरा दिया जाएगा क्योंकि इसका कंस्ट्रक्शन नियमों के तहत नहीं हुआ है तो उसकी दुनिया उजड़ जाती है। सवाल है कि ऐसे मामले किसी के साथ नहीं हों, इसके लिए क्या उपाय हैं?संबंधित खबरें1. भरोसेमंद रियल एस्टेट कंपनी से खरीदें फ्लैटफ्लैट खरीदने से पहले रियल एस्टेट कंपनी या बिल्डर के बारे में ठीक से पता कर लेना जरूरी है। बिल्डर की वित्तीय हालत, उसका ट्रैक रिकॉर्ड और समय पर प्रोजेक्ट करने की क्षमता के बारे में जान लेने के बाद ही फ्लैट बुक करने में समझदारी है। आप यह भी चेक कर सकते हैं कि प्रोजेक्ट के लिए उसने जरूरी एप्रूवल्स लिए हैं या नहीं।2. रेरा के रजिस्ट्रेशन पेज पर जानकारी चेक कर लेंफ्लैट खरीदने से पहले आपको रेरा के रजिस्ट्रेशन पेज पर प्रोजेक्ट की डिटेल जानकारियों को देख लेना चाहिए। इसके अलावा आप सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में जाकर Encumbrance certificates भी ले सकते हैं। इससे आपको प्रॉपर्टी के बारे में कई अहम जानकारियां मिल जाएंगी।यह भी पढ़ें: Policyholder और नॉमिनी दोनों की मौत हो जाए तो बीमा के पैसे का क्या होगा?3. कंपनी की बातों पर नहीं करें भरोसासिर्फ कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स या ब्रोशर में लिखी बातों पर भरोसा नहीं करें। आपको उस एरिया से जुड़े नियमों के बारे में जान लेना ठीक रहेगा, जो प्रॉपर्टी से जुड़े हैं। कई बार फ्लैट खरीदने के बाद पता चलता है कि जिस प्लॉट पर बिल्डर प्रोजेक्ट्स बना रहा है, वह किसी और उद्देश्य के लिए रिजर्व है। ऐसे में ग्राहकों का पैसा डूबने का डर रहता है।
