Retail Inflation: भारत की खुदरा महंगाई दर (CPI) अप्रैल में घटकर 3.16 प्रतिशत पर आ गई। यह पिछले छह साल का सबसे निचला स्तर है। मार्च में यह दर 3.34 प्रतिशत थी। इस गिरावट का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में और नरमी आना है। यह लगातार तीसरा महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के 4% के मध्यम अवधि लक्ष्य से नीचे रही है।समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वे में शामिल 43 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि अप्रैल में महंगाई दर 3.27% तक गिर सकती है। लेकिन, महंगाई में अर्थशास्त्रियों की उम्मीद से भी ज्यादा कमी आई है। एक सर्वे में यह भी सामने आया कि थोक मूल्य आधारित (WPI) महंगाई अप्रैल में घटकर 1.76% रह सकती है, जो मार्च में 2.05% थी।किस वजह से घटी महंगाई?संबंधित खबरेंगर्मी के तेज प्रकोप के बावजूद इस बार अच्छी फसल हुई है, जिससे आम भारतीय परिवारों को राहत मिली है। खासतौर पर उन परिवारों को, जो अपने बजट का बड़ा हिस्सा खाने-पीने की चीजों पर खर्च करते हैं। खाद्य पदार्थों की कीमतें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में लगभग 50% का योगदान करती हैं।क्या है एक्सपर्ट की रायIDFC फर्स्ट बैंक की चीफ इकनॉमिस्ट गौरा सेनगुप्ता ने रॉयटर्स से कहा, “असल बात यह है कि हम अप्रैल में हैं और अब गर्मी के महीने शुरू हो गए हैं। आमतौर पर इस सीजन में सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जाती है, लेकिन अभी ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।”बेहतर मानसून का अनुमानइस साल औसत से ज्यादा मानसून की शुरुआती भविष्यवाणी ने बेहतर फसल उत्पादन और ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। यह भारत जैसे देश के लिए काफी अच्छी खबर है, जहां अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर है।RBI ब्याज दरों में करेगा कटौती?महंगाई में कमी की उम्मीद के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास ब्याज दरों में कटौती करने की और गुंजाइश बन सकती है, जिससे धीमी होती अर्थव्यवस्था को सहारा मिल सकता है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पिछले महीने मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि महंगाई में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिसकी बड़ी वजह खाद्य कीमतों में नरमी है।उन्होंने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई और घट सकती है, जिससे उन परिवारों को राहत मिल सकती है जो लगातार बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह चेतावनी भी दी थी कि वह वैश्विक अनिश्चितताओं को लेकर सतर्क है।यह भी पढ़ें : Market Outlook : लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 14 मई को कैसी रह सकती है इसकी चाल
