क्रेडिट कार्ड लेने से पहले जान लें ये 6 जरूरी बातें, नहीं तो हो सकता है नुकसान


क्रेडिट कार्ड लेने से पहले जान लें ये 6 जरूरी बातें, नहीं तो हो सकता है नुकसान
Credit score Card Utilization Information: क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं के बीच। ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर इमरजेंसी फंडिंग तक, क्रेडिट कार्ड बेहद उपयोगी फाइनेंशियल टूल बनकर उभरा है। लेकिन, अगर इसे समझदारी से न इस्तेमाल किया जाए, तो यह कर्ज और ब्याज के जाल में फंसा सकता है। ऐसे में, क्रेडिट कार्ड लेने से पहले इन 6 बातों को जानना बेहद जरूरी है:1. क्रेडिट लिमिट: खर्च की एक तय सीमाहर क्रेडिट कार्ड की एक अधिकतम खर्च सीमा होती है, जिसे क्रेडिट लिमिट कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके कार्ड की लिमिट ₹50 हजार है, तो आप इससे ₹50 हजार तक ही खर्च कर सकते हैं। इससे अधिक का लेन-देन मुमकिन नहीं होता। हालांकि, आप बाद में क्रेडिट लिमिट बढ़वा सकते हैं।संबंधित खबरें2. यूटिलाइजेशन रेश्यो: क्रेडिट स्कोर पर सीधा असरआप अपनी कुल लिमिट में से कितना हिस्सा खर्च कर रहे हैं, उसे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो कहा जाता है। एक्सपर्ट्स की सलाह है कि यह अनुपात 30% से कम होना चाहिए। इसका मतलब है कि अगर आपकी क्रेडिट लिमिट ₹50 हजार है, तो आदर्श स्थिति में आपको एक साइकल में ₹15 हजार से अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।3. समय पर भुगतान से सुधरता है क्रेडिट स्कोरअगर आप हर महीने अपने कार्ड का बिल समय से पहले या समय पर चुकाते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है। यह भविष्य में अधिक लिमिट वाले कार्ड, सस्ती ब्याज दरों पर लोन और अन्य वित्तीय फायदे दिला सकता है।4. ब्याज-मुक्त अवधि का समझदारी से करें इस्तेमालक्रेडिट कार्ड पर आमतौर पर 45 से 50 दिनों की ब्याज-मुक्त अवधि मिलती है। अगर इस दौरान पूरा बकाया चुका दिया जाए, तो कोई ब्याज नहीं लगता। लेकिन इस अवधि के बाद यदि बकाया बचा रह जाए, तो उस पर 35–40% तक सालाना ब्याज लग सकता है।5. केवल “मिनिमम ड्यू” चुकाना पड़ेगा भारीकार्ड कंपनियां बिल में न्यूनतम भुगतान राशि (Minimal Due) भी बताती हैं, जो कुल बकाया का एक छोटा हिस्सा होती है। लेकिन केवल यह राशि चुकाना समझदारी नहीं है। ऐसा करने पर बाकी बकाया पर ब्याज लगना जारी रहता है, जिससे कर्ज तेजी से बढ़ सकता है।6. नकद निकासी से बचेंक्रेडिट कार्ड से एटीएम के जरिए नकद पैसा निकाला जा सकता है, लेकिन इस पर तुरंत और अधिक ब्याज लगता है। साथ ही, कैश विड्रॉल फीस भी वसूली जाती है। इसलिए, जितना हो सके, इस विकल्प का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।यह भी पढ़ें : 50 साल बाद कितनी रह जाएगी ₹1 करोड़ की वैल्यू, क्या है महंगाई की मार से बचने का तरीका?

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