इमरजेंसी में लोन चाहिए? तुरंत अप्रूवल के लिए आसान टिप्स यहां पढ़ें


इमरजेंसी में लोन चाहिए? तुरंत अप्रूवल के लिए आसान टिप्स यहां पढ़ें
इमरजेंसी में पैसों की जरूरत कभी भी पड़ सकती है. ऐसे समय में पैसों का फौरन इंतजाम करना जरूरी हो जाता है. यही वह समय होता है जब इंस्टेंट इमरजेंसी लोन आपके लिए संजीवनी का काम करते हैं. नॉर्मल पर्सनल लोन को प्रोसेस होने में जहां कई दिन या हफ्ते लग सकते हैं, वहीं इमरजेंसी लोन कुछ घंटों में या कभी-कभी तो मिनटों में भी मिल सकता है. इमरजेंसी लोन की फास्ट प्रोसेसिंग इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.इमरजेंसी लोन क्या है?’इमरजेंसी लोन’ एक ऐसा अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन होता है, जिसे खासतौर पर तुरंत पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. एप्लिकेशन से लेकर अप्रूवल और फंड ट्रांसफर तक के पूरे प्रोसेस को कई इंस्टेंट लोन ऐप्स ने इतना आसान बना दिया है कि एप्लिकेंट को बिना किसी देरी के पैसे मिल सकते हैं.कम-से-कम डाक्यूमेंटेशन और फास्ट ऑनलाइन प्रोसेसिंग के साथ कुछ इंस्टेंट लोन ऐप्स तो 5 मिनट में अप्रूवल और 1 घंटे में फंड ट्रांसफर का दावा भी करते हैं. यह फास्ट प्रोसेसिंग इमरजेंसी लोन को उन लोगों के लिए आदर्श बनाती है, जिन्हें पैसों की अचानक जरूरत पड़ जाती है.मनीकंट्रोल के जरिए आप इस तरह के इंस्टेंट लोन 100% डिजिटल प्रोसेस के साथ पा सकते हैं. इसका प्रोसेस काफी आसान है और प्रोसेसिंग फीस भी न के बराबर है. बस अपनी डिटेल भरें, KYC से पहचान वेरिफाई करें और EMI प्लान सेट करें. प्रोसेस होने के बाद, लोन अमाउंट मिनटों में सीधे आपके बैंक अकाउंट में पहुंच जाएगा.मनीकंट्रोल की 8 लेंडर्स के साथ पार्टनरशिप है. चाहे आप सैलरीड हों या बिजनेस ओनर इन लेंडर्स से आप 50 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं. इन लोन पर ब्याज दरें 10.5% प्रति सालाना से शुरू होती हैं और कोई हिडेन चार्ज भी नहीं है.इमरजेंसी लोन कितनी जल्दी मिल सकता है?लोन मिलने की स्पीड इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस लेंडर, लोन टाइप और एप्लिकेशन प्रोसेस को चुनते हैं.इसका पूरा प्रोसेस कुछ इस तरह होता है: एप्लिकेशन सबमिशन: भारत में इंस्टेंट इमरजेंसी लोन देने वाले ज्यादातर ऐप्स पूरी तरह से डिजिटल तरीका अपनाते हैं. एप्लिकेशन फॉर्म भरने में कुछ ही मिनट लगते हैं, जिसमें नाम, एड्रेस, इनकम डिटेल और लोन अमाउंट जैसी बेसिक डिटेल देनी होती है. डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन: जहां नॉर्मल लोन में ढेर सारे डॉक्युमेंट की जरूरत होती है, वहीं इंस्टेंट लोन ऐप्स डिजिटल वेरिफिकेशन का सहारा लेते हैं. कुछ प्लेटफॉर्म तो आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर जैसे डेटा से ही आपकी एलिजिबिलिटी तय कर लेते हैं. डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन वाला स्टेप आमतौर पर रियल टाइम या कुछ घंटों में ही पूरा हो जाता है.  अप्रूवल टाइम: कई लोन ऐप्स ‘इंस्टेंट’ या ‘नियर-इंस्टेंट’ अप्रूवल का दावा करते हैं. अगर आपकी एप्लिकेशन क्राइटेरिया पर खरी उतर जाती है, तो आपको मिनटों में ही अप्रूवल मिल सकता है. फंड ट्रांसफर: एक बार लोन अप्रूव हो जाए, तो पैसा सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है. यह प्रोसेस लेंडर पर निर्भर करता है – कहीं कुछ ही मिनट लगते हैं, तो कहीं कुछ घंटे. कुछ प्लेटफॉर्म 24 घंटे में फंड ट्रांसफर की गारंटी देते हैं, जबकि कुछ तो 1 घंटे में ही फंड भेज देते हैं. ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएंइमरजेंसी लोन में ‘स्पीड’ क्यों मायने रखती है?’स्पीड’ ही इमरजेंसी लोन की सबसे बड़ी खासियत है, क्योंकि ये ऐसे हालात में काम आता है, जहां फौरन पैसा चाहिए होता है.इंस्टेंट फंड आपकी परेशानियों को इस तरह दूर कर सकता है: मेडिकल बिल: अचानक हुई सर्जरी, अन्य इलाज या इमरजेंसी रूम विजिट के खर्च को कवर करने में ये लोन बहुत मददगार साबित होता है, खासकर जब इंश्योरेंस न हो या इसकी लिमिट खत्म हो जाए. व्हीकल रिपेयरिंग: कार या बाइक अचानक खराब हो जाए, तो इंस्टेंट फंड जरूरी हो जाता है ताकि आपके काम न रुकें.  घर की मरम्मत: पाइप लीकेज की समस्या हो या फिर इलेक्ट्रिक फेल्योर, इमरजेंसी लोन से इसे तुरंत ठीक किया जा सकता है.  डेली खर्च: नौकरी जाने या इनकम रुकने की स्थिति में, ये लोन रेंट, राशन और इलेक्ट्रिसिटी बिल जैसे जरूरी खर्चों में मदद करता है. इमरजेंसी ट्रैवल: परिवार में कोई इमरजेंसी ट्रैवल प्लान बनने से अचानक खर्च बढ़ सकता है. ऐसे में इंस्टेंट लोन सहारा बन सकता है. अंतिम संस्कार से जुड़े खर्च: अपनों को खोना एक मुश्किल समय होता है. ऐसे समय में जल्दी मिलने वाला लोन अंतिम संस्कार के खर्च से राहत देता है. इमरजेंसी लोन के प्रकारजरूरत और फाइनेंशियल स्थिति के अनुसार सही इमरजेंसी लोन चुनना जरूरी है. यहां हम कुछ ऑप्शन बता रहे हैं:पर्सनल लोन: यह इमरजेंसी के लिए सबसे पसंदीदा ऑप्शन होता है, क्योंकि इनका अप्रूवल और डिसबर्सल प्रोसेस तेज होता है. इसमें ब्याज दर फिक्स होती है और EMI टर्म्स पहले से तय होते हैं, जिससे बजट प्लान करना आसान हो जाता है.क्रेडिट कार्ड: अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है, तो इमरजेंसी खर्चों के लिए इसका इस्तेमाल आसान होता है. इसमें आप ‘कैश एडवांस’ भी ले सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे, क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा होती हैं.सही इमरजेंसी लोन कैसे चुनेंजब आप इमरजेंसी लोन लेने का फैसला करें, तो इन बातों पर जरूर ध्यान दें: एलिजिबिलिटी: हर लेंडर के अपने क्राइटेरिया होते हैं. आमतौर पर क्रेडिट स्कोर, इनकम और नौकरी की स्थिति अहम फैक्टर होते हैं.  लोन अप्रूवल टाइम: इमरजेंसी में वक्त की कीमत होती है. कुछ लोन कुछ ही घंटों में अप्रूव और डिसबर्स हो जाते हैं. कई इंस्टेंट लोन ऐप्स 5 मिनट में ही पैसा ट्रांसफर करने की गारंटी देते हैं. ब्याज दरें: यह दरें लोन की कुल बॉरोइंग कॉस्ट तय करती हैं. पर्सनल लोन में आमतौर पर ‘क्रेडिट कार्ड एडवांस’ से कम ब्याज लगता है. रीपेमेंट टर्म्स: पर्सनल लोन में रीपेमेंट टर्म्स फिक्स (आमतौर पर 1 से 5 साल) होते हैं. इससे EMI प्लानिंग आसान हो जाती है. क्रेडिट कार्ड में सिर्फ मिनिमम पेमेंट का ऑप्शन होता है, लेकिन ब्याज काफी ज्यादा लगती है. जब फाइनेंशियल दिक्कत होती है, तो ‘वक्त’ सबसे अहम फैक्टर होता है. सही वक्त पर लोन मिलना काफी मदद कर सकता है. मनीकंट्रोल की डिजिटल लोन सर्विस से आप 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट लोन आसानी से पा सकते हैं. यह सर्विस साफ-सुथरी शर्तों, बिना किसी हिडेन चार्ज और 10.5% से शुरू होने वाली ब्याज दरों के साथ उपलब्ध है. सारांशइमरजेंसी में पैसों की जरूरत है? जानिए कैसे इमरजेंसी लोन के जरिए कुछ ही मिनटों में फंड लिया जा सकता है.High बैंकों/ NBFCs से₹50 लाखतक का इंस्टेंट लोन पाएंDisclaimerयह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।लेखक के बारे मेंfintechक्रेडिट कार्ड, क्रेडिट स्कोर, पर्सनल लोन, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जैसे व्यक्तिगत वित्त उत्पादों के बारे में और जानेंयदि आपको लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें

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